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Chhattisgarh News: JNU में बस्‍तर के नक्‍सल हिंसा पीड़‍ित: अंग और परिजनों को खो चुके आदिवासियों ने लगाई न्याय की गुहार

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Chhattisgarh News: JNU में बस्‍तर के नक्‍सल हिंसा पीड़‍ित: अंग और परिजनों को खो चुके आदिवासियों ने लगाई न्याय की गुहार
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से न्याय की मांग लेकर नई दिल्ली पहुंचे पीड़ितों की बस को आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाहर रोक दिया गया। इन पीड़ितों में अधिकतर वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने नक्सली हिंसा में अपना सब कुछ खो दिया है और विकलांगता का सामना कर रहे हैं।

एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने बस्तर शांति समिति के सदस्यों को जेएनयू में एक विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, जहां उन्हें अपनी आवाज उठाने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिलना था। जेएनयू के बाहर सिक्योरिटी द्वारा इन पीड़ितों की बस को रोक दिया गया, जिससे वे मजबूरन ऑटो रिक्शा या पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ विकलांग पीड़ित, जो चलने में सक्षम नहीं हैं, कठिन परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे हैं।

नक्सल पीड़ित न केवल अपनी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए जूझ रहे हैं, बल्कि न्याय की मांग के लिए भी उन्हें भेदभाव और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन पीड़ितों ने नक्सल हिंसा में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अब वे न्याय पाने के लिए अपनी आवाज दिल्ली तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। जेएनयू के स्टूडेंट और बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधियों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है और कहा कि यह नक्सल पीड़ितों के अधिकारों का हनन है।


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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