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छत्तीसगढ़ की जिस जिले में महिला एसपी, वहां गैंगरेप की रिपोर्ट लिखाने 4 दिन तक महिला भटकती रही, मेडिकल के इंतजार में चार दिन तक नहाई नही, उधर पुलिस ने कहा...

छत्तीसगढ़ की जिस जिले में महिला एसपी, वहां गैंगरेप की रिपोर्ट लिखाने 4 दिन तक महिला भटकती रही, मेडिकल के इंतजार में चार दिन तक नहाई नही, उधर पुलिस ने कहा...
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By NPG News

अंबिकापुर। महिला से गैंगरेप के मामले में पुलिस पर लापरवाही का मामला सामने आया है। महिला के अनुसार गैंगरेप के चार दिनों तक पुलिस ने महिला की एफआईआर नही लिखी। और उल्टे महिला को ही झूठा एफआईआर लिखवाने की बात कह के धमकाया भी। जबकि, अंबिकापुर में भावना गुप्ता पुलिस अधीक्षक हैं।

महिला के अनुसार मेडिकल के इंतजार में वह चार दिनों तक नहाई भी नही थी। मामला बतौली थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम मुरताताण्ड में 23 अक्टूबर रविवार को गैंगरेप की घटना हुई है। यहां रहने वाली महिला का गांव के ही दूसरे पक्ष से जमीन विवाद चल रहा है। 23 अक्टूबर को महिला रोजगार गारंटी योजना में अपना नाम जुड़वाने के लिए पंचायत सचिव के पास गई हुई थी। वहां से वापसी मे उसे गांव के ही सतलाल यादव व कलेश्वर कोरवा ने रोक लिया। महिला से उनका जमीन विवाद चल रहा है। रास्ते मे महिला को रोककर उसका मुंह दबा कर दोनो उसे झाड़ियों के पीछे ले गए और उसके साथ मारपीट व गाली गलौच करते हुए उसके साथ बारी बारी रेप किया। महिला के मुताबिक इस दौरान दोनो ने उसका गला दबा दिया था जिसकी वजह से वह शोर मचा कर किसी को मदद के लिए नही बुला पायी। महिला को दोनो ने दो घण्टे तक वहां बंधक बना कर रखा और फिर उसे घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया।

महिला के मुताबिक घर जाकर उसने अपने परिजनों को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। और अपने भाई को लेकर उसी दिन शाम लगभग साढ़े सात बजे बतौली थाना एफआईआर दर्ज करवाने पहुँची। महिला के मुताबिक वहां बतौली थाना प्रभारी ने उनकी रिपोर्ट नही लिखी और पूरे घटना को ही झूठा बता दिया। महिला के अनुसार टीआई ने उसे कहा कि मारपीट की घटना को मानते हुए एफआईआर लिखा जा सकता है पर गैंगरेप की घटना झूठी है और तुम हमे झूठी शिकायत कर रही हो। यह कहकर टीआई ने बिना एफआईआर के ही उन्हें थाने से चलता कर दिया। महिला के मुताबिक एफआईआर की मांग को लेकर उसने कलेक्टर,एसपी,महिला थाने, अजाक थाने सभी जगह का दरवाजा खटखटाया तब जाकर 27 तारीख को उसकी एफआईआर लिखी गयी। इस बीच मेडिकल में सबूत नष्ट होने के डर से वह चार दिन तक नहाई भी नही। वही एफआईआर के बाद से दोनो आरोपी सतलाल यादव व कलेश्वर कोरवा गांव से फरार हो गए है।

उधर, पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि थाना बतौली अंतर्गत एक महिला प्रार्थिया द्वारा दिनांक 23/10/22 कि शाम को थाना उपस्थित होकर अपने चचेरे भाई के साथ लड़ाई झगड़ा की घटना होने के संबंध में मौखिक सूचना दी गई थी। उक्त सुचना के संबंध में थाना बतौली द्वारा महिला पुलिस से उक्त पीड़ित महिला का बयान लिया गया, जिसमें प्रार्थीया द्वारा लड़ाई झगड़ा की बात को दोहराया गया, मामले की तस्दीकी पश्चात प्रार्थिया पुनः थाना उपस्थित नहीं हुई। दिनांक 26/10/22 की शाम को अम्बिकापुर वरिष्ठ कार्यालय उपस्थित होकर पुनः एक शिकायत लड़ाई झगड़ा एवं अनाचार के संबंध में प्रस्तुत की जिस पर सरगुजा पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना बतौली मे अपराध क्रमांक 146 /22 धारा 341,294,506(B),323,34,376(घ) भा.द.वि के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर पिड़िता का मेडिकल मुलाहिजा तत्काल कराया गया हैं।प्रार्थिया द्वारा दिए गए बयानों में विरोधाभास तथ्यों के आने पर सभी पहलुओं पर जांच कर आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। सरगुजा पुलिस महिला संबंधी अपराधों के संबंध में संवेदनशील होकर तत्काल विधिसम्मत कार्रवाई करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

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