Chhattisgarh Budget 2024-25: छत्तीसगढ़ के अब तक के वित्त मंत्री: सबसे ज्यादा डॉ. रमन सिंह ने पेश किया है बजट
Chhattisgarh Budget 2024-25: छत्तीसगढ़ के 25 साल के इतिहास में यह दूसरी सरकार है जिसमें बजट विभाग वित्त मंत्री के पास नहीं है। राज्य के दो मुख्यमंत्रियों ने वित्त विभाग अपने ही पास रखा था।

Chhattisgarh Budget 2024-25: रायपुर। छत्तीसगढ़ की पहली अजीत जोगी सरकार में डॉ. रामचंद्र सिंहदेव वित्त मंत्री थे। डॉ. सिंहदेव ने पहले बजट में वित्तीय अनुशासन को जो पाठ पढ़ाया वह आज तक जितने भी वित्त मंत्री हुए सभी ने याद रखा है। इसी वजह से अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थित बेहतर है। प्रदेश के बजट का सफर 5600 करोड़ रुपये से शुरू हुआ था जो अब पौने दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों के इतिहास में अब तक पांच वित्त मंत्री हुए हैं। इनमें दो मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, जिन्होंने वित्त विभाग की कमान अपने ही पास रखी थी। प्रदेश के दूसरे वित्त मंत्री बीजेपी के अमर अग्रवाल थे। अग्रवाल के कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वित्त विभाग की कमान संभाली और वे 2018 तक वित्त मंत्री बने रहे।
पहले और दूसरे वित्त मंत्री ने पेश किया तीन-तीन बजट
प्रदेश के पहले और दूसरे वित्त मंत्री केवल तीन-तीन ही बजट पेश कर पाए थे। 2003 में कांग्रेस की सरकार चली गई, उससे पहले डॉ. सिंहदेव ने 2001-02, 2002- 03 और 2003-04 के लिए बजट पेश किया था। 2003 में बीजेपी सत्ता में आई तब वित्त मंत्री अमर अग्रवाल ने 3 बार बजट पेश किया। बीजेपी के शासनकाल में अमर अग्रवाल को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेश के दूसरे वित्त मंत्री अमर अग्रवार को बतौर वित्त मंत्री 3 साल बजट पेश करने का मौका मिला। अमर अग्रवाल को कम खर्चीले वित्त मंत्री के रूप में जाना जाता है। 2006 में अमर अग्रवाल ने वित्त विभाग की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। 2004-05 में अमर अग्रवाल ने 10 हजार 555 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें दो अनुपूरक बजट पेश किए गए। 2005-06 में अग्रवाल ने 11 हजार 242 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें तीन अनुपूरक बजट पेश किए गए। 2006-07 में उन्होंने 13 हजार 185 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें तीन अनुपूरक बजट शामिल थे। 2006 में अमर अग्रवाल ने वित्त विभाग की जिम्मेदारी छोड़ी और तत्कालीन सीएम रहे रमन सिंह ने वित्त विभाग की जिम्मेदारी ले ली।
रमन ने 12 बार पेश किया बजट
2007 में रमन सिंह ने अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। 2007 से लेकर 2018 तक रमन सिंह ने वित्त विभाग को अपने पास रखा और हर साल बतौर सीएम वे बजट पेश करते रहे। इस तरह रमन सिंह ने कुल 12 बार बजट पेश किया। 2018-19 में अंतिम बजट पूश किया।उनके कार्यकाल के दौरान बजट में मूल रुप से अधोसंरचना विकास पर फोकस रहा।
भूपेश ने पांच बार पेश किया बजट
बीजेपी का शासन खत्म होने के बाद कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ और 15 साल बाद पार्टी सत्ता में लौटी। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के तरह ही सीएम भूपेश बघेल ने भी वित्त अपने पास रखा। उन्होंने पांच साल बतौर वित्त मंत्री राज्य में बजट पेश किया।
साय दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री जो बजट पेश नहीं करेंगे
ऐसे में छत्तीसगढ़ के इतिहास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो बजट पेश नहीं करेंगे। अब तक राज्य में चार मुख्यमंत्री हुए हैं, जिनमें रमन सिंह और भूपेश बघेल ने बजट पेश किया है। अजीत जोगी ने बजट पेश नहीं किया है, अब इस सूची में सीएम साय का नाम भी जुड़ जाएगा। कांग्रेस सरकार के जाने के बाद भाजपा सरकार ने मोर्चा संभाला। इस बार वित्त विभाग की जिम्मेदारी ओपी चौधरी को मिली। उन्होंने अपना पहला बजट 2024-25 के लिए पेश किया। वित्तीय वर्ष 2025-26 में वे अपना दूसरा बजट पेश करेंगे।
वर्ष बजट राशि
2001-02 7 हजार 294 करोड़
2002-03 8 हजार 471 करोड़
2003-04 9 हजार 978 करोड़
2004-05 10 हजार 555 करोड़
2005-06 11 हजार 242 करोड़
2006-07 13 हजार 185 करोड़
2007-08 16 हजार 473 करोड़
2008-09 19 हजार 392 करोड़
2009-10 23 हजार 482 करोड़
2010-11 26 हजार 099 करोड़
2011-12 32 हजार 477 करोड़
2012-13 39 हजार 677 करोड़
2013-14 44 हजार 169 करोड़
2014-15 54 हजार 710 करोड़
2015-16 65 हजार 013 करोड़
2016-17 76 हजार 032 करोड़
2017-18 88 हजार 599 करोड़
2018-19 95 हजार 899 करोड़
2019-20 1 लाख 20 हजार करोड़
2021-22 97 हजार 106 करोड़
2022-23 1 लाख 04 हजार 603 करोड़
2023-24 1 लाख 21 हजार 501 करोड़
2024-25 1 लाख 47 हजार 446 करोड़