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शराब की बोतल में सांप नहीं: आबकारी विभाग ने दी खुद को क्लीन चिट, शराब खरीदने वाले पर ही छेड़छाड़ का संदेह, प्लेसमेंट एजेंसी को...

शराब की बोतल में सांप नहीं: आबकारी विभाग ने दी खुद को क्लीन चिट, शराब खरीदने वाले पर ही छेड़छाड़ का संदेह, प्लेसमेंट एजेंसी को...
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By NPG News

जांजगीर। पामगढ़ में देसी शराब की बोतल में जहरीले सांप के मामले में आबकारी विभाग के जांच अधिकारी ने अपने विभाग को क्लीन चिट दे दी है। जांच करने गए वृत प्रभारी ने दुकान में लगे सीसीटीवी के अवलोकन व जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शराब की बोतल दुकान से ले जाने के 5 घण्टे बाद ग्राहक वापस आया था। शीशी के ढक्कन में भी छेड़छाड़ करने की बात जांच अधिकारी ने लिखी है। साथ ही, आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने सोची समझी साजिश के तहत ऐसा करने की संभावना रिपोर्ट में जताई गई है।

7 नवंबर को वीरेंद्र दास मानिकपुरी ने शिकायत करते हुए बताया था कि पामगढ़ के देसी मदिरा दुकान से शराब की शीशी खरीद कर पास ही पीने बैठ गया था। सील खोलने से पहले उसमें मरा हुआ करैत सांप तैरता हुआ दिखाई दिया। उसने इसकी शिकायत दुकान के सेल्समैन से की थी। मामला मीडिया व सोशल मीडिया की सुर्खियां भी बना था, जिसके बाद आबकारी विभाग ने अपने पामगढ़ वृत प्रभारी को विधिवत जांच के आदेश दिए थे।


जांच के क्रम में देशी शराब दुकान पहुंचे वृत प्रभारी ने दुकान की सभी शराब पेटियों की जांच की, पर किसी भी शीशी में कचरा या कोई बाहरी तत्व नहीं मिला। ग्राहक वीरेंद्र दास मानिकपुरी का बयान लेने पर उसने बयान में दस बजे सुबह के लगभग शराब की बोतल खरीदने व उस समय उसमे कोई भी कचरा या बाहरी वस्तु नहीं देखने की बात कही। पर 10 मिनट बाद उसे शीशी में सांप नजर आने पर दुकान आकर सेल्समैन से शिकायत का बयान दिया। पर शराब दुकान में लगे सीसीटीवी में वीरेंद्र दास सुबह 10 बजकर 6 मिनट में शराब लेता हुआ दिखाई देता है। तब वह दो बोतल शराब पर्याप्त समय लेकर खरीदता है। उसके बाद 5 या 10 मिनट के अंतराल में नहीं बल्कि 5 घण्टे बाद 3 बजकर दो मिनट में वापस आता है और सेल्समैन से कोई शिकायत न कर बोतल में शराब होने की बात कह साथी से वीडियो बनवाने लग जाता है। फिर थोड़ी दूर जाकर भीड़ को इसकी जानकारी देने लगता है। ग्राहक वीरेंद्र खुद जानकारी सेल्समेन को नहीं देता बल्कि सेल्समैन खुद ही भीड़ देखकर जा कर पता करता है। वहां भी जब सेल्समैन द्वारा मदिरा की शीशी जांच हेतु मांगी जाती है तब भी ग्राहक उपलब्ध नही करवाता है। साथ ही शीशी में लगे ढक्कन पर दबाव डालने के निशान है और ढक्कन की प्लास्टिक कैपिंग नीचे है। जिससे ढक्कन के साथ छेड़छाड़ होने का निष्कर्ष जांच अधिकारी ने दिया है।

जांच अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि ग्राहक वीरेंद्र दास जो शराब की शीशी खरीदना बता रहा है, उसमें 14/10/2022 की तिथि अंकित है। जबकि मदिरा दुकान के सत्यापन में यह तिथि अंकित वाली कोई भी शराब की बोतल नहीं पायी गयी। आबकारी विभाग ने उक्त घटना को आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने की नीयत से सोची समझी साजिश बताई है। प्लेसमेंट एजेंसी को भविष्य में बॉटल पर नजर रखने कहा है।

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