कवर्धा। एसडीएम कार्यालय में घुस कर उपसरपंच व पंच ने एसडीएम के साथ गाली- गलौच कर दी। साथ ही वे एसडीएम को मारने के लिए भी उतारू हो गए। अन्य स्टॉफ ने किसी तरह बीच- बचाव कर एसडीएम को बचाया। एसडीएम की शिकायत पर एफआईआर कायम करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
55 वर्षीय प्रकाश चंद कोरी कवर्धा जिले के कवर्धा अनुविभाग के एसडीएम के पद पर पदस्थ है। 17 अप्रैल को वे शाम 4 बजे कार्यालय में बैठ कर शासकीय कार्य संपादित कर रहे थे। तभी उनके कार्यालय में कृतबांधा के उपसरपंच बिहारी चंद्राकर व पंच पवन चंद्राकर पहुँचे और उपसरपंच अपने आप को कृतबांधा का सरपंच घोषित करने की मांग करते हुए एसडीएम प्रकाश चंद कोरी पर दबाव बनाने लगा। जिसमे उसका साथ पंच पवन चंद्राकर भी दे रहा था। जब एसडीएम ने उसे समझाइश देते हुए कहा कि इस मामले में एसडीएम न्यायालय में पेशी चल रही है और जो भी होगा पेशी दिनांक को वह नियमतः निर्णय लेंगे। जिस पर दोनो आग- बबूला हो गए और तुरंत सरपंच प्रमाण पत्र जारी करने की मांग करते हुए एसडीएम से अश्लील गाली- गलौच करने लगे। जिस पर वहां उपस्थित अन्य कर्मचारियों ने उन्हें किसी तरह समझाइश देकर बाहर किया।। फिर एसडीएम पीसी कोरी के द्वारा कोतवाली थाने में घटना की लिखित एफआईआर दर्ज करवाई गई। शिकायत में एसडीएम ने बताया कि वे एससी वर्ग से आते हैं। आरोपियो द्वारा उन्हें जातिगत गालियां देते हुए मारते हुए कार्यालय से ले जाने की धमकी दी। जिस पर पुलिस ने एक्ट्रोसिटी, शासकीय कार्य मे बाधा डालने समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उपसरपंच कृतबांधा बिहारी चंद्राकर व पंच पवन चंद्राकर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा है।
यह है मामला:-
ग्राम पंचायत कृतबांधा के सरपंच को लगभग तीन माह पहले ही अविश्वास प्रस्ताव कर हटाया गया है। अब वहां नए सरपंच की नियुक्ति होनी है। चूंकि वहां सरपंच सीट एससी वर्ग के लिए रिजर्व है इसलिए नियमतः वहां एससी व एसटी वर्ग का ही सरपंच नियुक्ति हेतु पात्र हैं। ग्राम पंचायत में दो महिला एससी पंच है। आरोपियो ने पहले उनसे दबाव बना कर लिखवा लिया था कि वो सरपंच नही बनना चाहती। जिसके आधार पर बिहारी चंद्राकर को सरपंच बनाने के लिए जनपद सीईओ ने प्रस्ताव बना कर भेज दिया। पर इसे नियम विरुद्ध मानते हुए एसडीएम ने पंचायत संचालक को मार्गदर्शन हेतु पत्र लिखा है। इस बीच एससी वर्ग की दोनों महिला पंचों द्वारा भी बिहारी चंद्राकर को सरपंच बनाने हेतु आपत्ति एसडीएम के समक्ष कर दी गई। जिस पर एसडीएम न्यायालय में पेशी चल रही थी। पर बिहारी चंद्राकर पेशी दिनांक से पहले ही एसडीएम पर सरपंच के पद का अपने नाम प्रमाण पत्र जारी करने का दबाव अपने साथी पंच पवन चंद्राकर के साथ मिलकर डाल रहा था।