पहलवानों के साथ नक्सली: पहलवानों के आंदोलन को अब मिला नक्सलियों का समर्थन, लाल आतंकियों ने दी लोकतंत्र की दुहाई...
रायपुर। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के आंदोलन का नक्सलियों ने भी समर्थन किया है। लोकतंत्र की दुहाई देते हुए नक्सलियों ने सभी लोकतंत्र प्रेमियों को इस आंदोलन का सक्रिय समर्थन देने की अपील की है।
पहलवानों के आंदोलन के समर्थन में यह बयान नक्सलियों के महिला संगठन ने जारी किया है। यह लिखित बयान क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन दंडकारण्य की प्रवक्ता रामको हिचामी की तरफ से जारी किया गया है। 30 मई को जारी इस बयान में महिला पहलवानों के आंदोलन को लेकर सरकार के रुख की निंदा की गई है।
28 मई को हुई घटना को बताया शर्मनाक
नक्सलियों की तरफ से जारी इस लिखित बयान में 28 मई को आंदोलनकारियों पर हुई दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को शर्मनाक बताया गया है। बयान में कहा गया है कि 28 मई 2023 का दिन समूचा देश शर्मसार होने के दिन के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ। अपने मेहनत से देश को सम्मान दिलाने वाली बहनों का देश की राजधानी दिल्ली के सड़कों पर अपमान किया गया। इंसाफ की गुहार लगाने वाली हमारी बच्चियों के साथ नाइंसाफी हुई। तिरंगे को खड़ा करके रखने की, झुकने नहीं देने की लड़कियों की कोशिश को बल प्रयोग से नाकाम कर दिया गया। शांतिपूर्ण तरीके से चलने वाले विरोध प्रदर्शन पर बल प्रयोग किया गया। महिला खिलाड़ियों के धरना शिविर को उखाड़ फेंका गया। आंदोलनकारियों पर ही केस दर्ज किया गया। जबरन घसीटते हुए अरेस्ट कर दिया गया।
नक्सलियों ने की बृज भूषण पर कार्रवाई की मांग
नक्सल प्रवक्ता रामको हिचामी की तरफ से जारी इस बयान में आरोपों से घिरे कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह पर कार्रवाई की मांग की गई है। बयान में कहा गया है कि यह बात हास्यास्पद है कि बृज भूषण पर केस दर्ज करने के लिए महीनों संघर्ष करना पड़ा। आखिर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही केस दर्ज हुआ, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नक्सलियों ने की पहलवानों की सराहना
मीडिया को जारी बयान में नक्सल प्रवक्ता ने पहलवानों के आंदोलन की सराहना की है। लिखा है कि ताकतवर तानाशाही सत्ता के विरोध में धमकियों का हिम्मत के साथ सामना करते हुए हमारे पहलवानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन सराहनीय है। लोकतंत्र प्रेमियों को इस आंदोलन का सक्रिय समर्थन देना चाहिए। 28 मई को हमारी पहलवानों से दिल्ली सड़कों पर किए गए व्यवहार को क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन निंदा करती है।
जानिए क्यों आंदोलन कर रहे हैं पहलवान
पहलवान बीते 23 अप्रैल से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को हटाने और उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं। कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है।
खाप पंचायत के बाद नक्सली कनेक्शन
पहलवानों के आंदोलन से खात पंचायत के जुड़ने और नक्सलियों के समर्थन के बाद तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन की याद ताजा हो गई है। बता दें कि यह आंदोलन जून 2020 में शुरू हुआ था। इस आंदोलन में भी खाप पंचायत शामिल था। साथ ही नक्सलियों और खालिस्तानियों ने समर्थन किया था।
राष्ट्रपति के अपमान का लगाया आरोप
नक्सलियों की तरफ से जारी इस बयान में नए संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने को लेकर भी टिप्पणी की गई है। नए संसद भवन के उद्घाटन के संदर्भ में देश की आदिवासी महिला राष्ट्रपति का जो अपमान हुआ इसकी भी हम निंदा करते हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी पार्टिंयों ने नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराने की मांग की थी। इसको लेकर कई दिनों तक सियासी बयानबाजी का दौर चला था।