अंबिकापुर। सूरजपुर जिले में महीनेभर में दूसरे हाथी का शव मिला है। नर हाथी का शव रविवार को सुबह ग्रामीणों ने देखा। इसके बाद वन अमले को खबर दी। सीसीएफ और डीएफओ ने मौके पर जाकर मुआयना किया। इसके बाद हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर जंगल में ही दफना दिया गया। अफसरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह सामने आएगी। हालांकि ऐसी आशंका है कि बिजली करंट से हाथी को मारा गया होगा। इससे पहले ऐसी घटना हो चुकी है।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र और आसपास 30 हाथियों का एक झुंड विचरण कर रहा है। वन अमले द्वारा लगातार पेट्रोिलंग की जा रही है, ताकि गांव की ओर से हाथियों को दूर किया जा सके। रविवार को सुबह पेट्रोलिंग के दौरान ग्रामीणों ने वन अमले को खबर दी कि पकनी गांव के पास एक नर हाथी का शव है। इसके बाद अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। हाथी के दांत सुरक्षित थे, इसलिए माना जा रहा है कि तस्करी के लिए नहीं मारा गया है।
बता दें कि पिछले महीनेभर पहले ही एक और हाथी की मौत हुई थी। छत्तीसगढ़ में हाथी मानव द्वंद्व में पिछले चार सालों में 210 लोगों की जान गई है, वहीं 47 हाथी भी मारे गए हैं। इससे पहले हुई एक घटना में तर्क दिया गया था कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए तार नीचे आ गए हैं, उसकी चपेट में आने से हाथी की मौत हुई थी।