ED Case : अनवर ढेबर को जमानत देने से कोर्ट का इंकार, चार घंटे हुई बहस, निरंजन दास के आवेदन पर 16 को सुनवाई
रायपुर. छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा गिरफ्तार किए गए कारोबारी अनवर ढेबर के जमानत आवेदन को स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया. स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत के समक्ष मंगलवार और बुधवार को दो-दो घंटे बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया. वहीं, आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है. इस पर 16 जून को सुनवाई होगी. इसी दिन त्रिलोक सिंह ढिल्लन के जमानत आवेदन पर भी सुनवाई होनी है.
अनवर ढेबर ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के जरिए जमानत के लिए आवेदन किया था. मंगलवार को इस पर बहस पूरी नहीं हुई. अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और प्रफुल्ल भारत ने बुधवार को भी बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने ईडी की कार्रवाई को गलत ठहराया. ढेबर का पक्ष रखते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 120 बी के तहत अपराध दर्ज करने के लिए आवेदन किया गया था. इस मामले को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया. 120 बी शेड्यूल ऑफेंस है. यहां मामला नहीं बनता. वहीं, 120 बी किसी अन्य केस के साथ लगता है. होटल वेलिंगटन कोर्ट के संबंध में भी अधिवक्ताओं ने कहा कि यह किसी भी अनैतिक आय से नहीं खरीदी गई है.
ईडी की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पीएमएलए स्पेशल एक्ट है. इसके साथ 120 बी लगाया जा सकता है. उन्होंने जम्मू कश्मीर से जुड़े एक मामले का रेफरेंस भी प्रस्तुत किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत मंजूर नहीं किया. अब 16 जून को आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास की ओर से अग्रिम जमानत के आवेदन पर सुनवाई होगी. निरंजन दास के खिलाफ फिलहाल केस रजिस्टर नहीं है. पूछताछ के लिए उन्हें समंस जारी किया जा चुका है. दास सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.
अरविंद सिंह से पूछताछ
कथित शराब घोटाले में आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के बीच की कड़ी अरविंद सिंह से ईडी दफ्तर में पूछताछ की जा रही है. अरविंद सिंह को ईडी ने सोमवार को भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम से पकड़ा था. मां के निधन के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे अरविंद सिंह को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ईडी की रिमांड में भेजा गया है.