CG ACF टॉपर की पाती : छत्तीसगढ़ पीएससी के बाद एसीएफ भर्ती पर उठे सवाल तो टॉपर का जवाब – मैं जांच के लिए तैयार हूं
रायपुर. छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा के बाद अब एसीएफ के परिणाम को लेकर उठ रहे सवालों पर टॉपर ने गुलशन साहू ने सोशल मीडिया पर जवाब दिया है. गुलशन जो कि अभी जीएसटी विभाग में सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर हैं, ने चुनौती दी है कि वे हर जांच के लिए तैयार हैं. दरअसल, भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने सोशल मीडिया पर एसीएफ भर्ती परीक्षा पर सवाल खड़े किए. श्रीवास ने लिखा है कि एक कोचिंग सेंटर के संचालक ने वन भर्ती का पूरा ठेका ले रखा था. इस कारण 150 से ज्यादा अभ्यर्थी इसी कोचिंग सेंटर से चुने गए. जीएसटी विभाग के बाबू साहेब एसीएफ बन बैठे. इसके बाद अपने जवाब में गुलशन साहू ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है. गुलशन के शब्दों में ही पढ़ें...
"मेरा नाम गुलशन कुमार साहू है। मैंने हाल ही में जारी राज्य वन सेवा परीक्षा 2020 में प्रथम स्थान प्राप्त किया। अभी कुछ घंटे पहले मैंने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे कुछ पोस्ट देखे। पोस्ट में यह भी लिखा पाया कि एक जीएसटी विभाग के "बाबू साहेब’ भी ACF बना।
मैं यह बताना चाहूंगा कि वर्तमान में मैं राज्य कर निरीक्षक के पद पर कार्यरत हूं। मैंने यह पद अपने मेहनत से पाया है। मैं इसके पूर्व भी सीजीपीएससी 2018 में राज्य कर निरीक्षक के पद पर चयनित हो चुका हूं। 2017 से 2021 तक लगातार मैंने सीजीपीएससी की मुख्य परीक्षा दिया है। यह सीजीपीएससी में मेरा तीसरा इंटरव्यू था। मैंने जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली से शिक्षा प्राप्त करने के बाद एनआईटी रायपुर से इंजीनियरिंग किया है।
अब मुद्दे की बात में आना चाहूंगा कि जिस तरह से किसी को यह उम्मीद नहीं होती कि स्वयं का पहला रैंक आएगा मुझे भी नहीं था। पर हां चूंकि पहले के मॉडल आंसर में मेरा पेपर एक में 150.66 व दूसरे पेपर में 160.66 मार्क्स था (एक प्रश्न मुझे याद नहीं कि मैंने OMR में गोला लगाया या नहीं) (Amendment के बाद फाइनल लिस्ट में मार्क्स बढ़े) तो मुझे भी आशा थी कि यह एक अच्छा स्कोर है (चूंकि पेपर टफ था)और अगर ACF नहीं मिला तो RANGER का पद मिलने की संभावना काफी अच्छी है। 2016 से CGPSC की तैयारी के कारण पेपर की कठिनाई का अनुभव व ACF RANGER में वैकल्पिक (MCQ) पेपर होने के कारण आप अपना नंबर जोड़ सकते हैं।
मैं जान रहा हूं कि मुझे किसी को अपने GENUINE होने का सबूत देने का जरूरत नहीं है परंतु ऐसी परिस्थिति में शांत रहना चीजों को नकारात्मकता की ओर ले जाएंगे।
किसी भी महानुभाव को अगर मेरा चयन गलत लगता हो तो आप निष्पक्ष जांच कराने हेतु स्वतंत्र हैं। मैं निष्पक्ष जांच के लिए पूरे 100% सहयोग का आश्वासन देता हूं। इस प्रकार से सोशल मीडिया पर मेरे फोटो में अलग से गोला लगा कर उसका प्रचार करना बिल्कुल गलत है। और किसी को थोड़ी भी गुंजाइश हो तो मैं इस जांच में स्वयं 200% सहयोग हेतु तैयार हूं। इस तरह किसी मेहनती अभ्यर्थी का गलत प्रचार बाकी सही अभ्यर्थियों को भी हतोत्साहित करता है और मेहनती अभ्यर्थियों के छवि को धूमिल करता है। चूंकि मैंने अपने मेहनत से यह पद प्राप्त किया है मुझे किसी भी जांच से कोई आपत्ति नहीं है। आगे पढ़ें भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने क्या लिखा था...