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दो हजार के नोट बदलने पहुंचे थे दो नक्सली, पुलिस को देखकर भागने लगे, 6 लाख कैश मिले, 11 बैंक पासबुक भी

दो हजार के नोट बदलने पहुंचे थे दो नक्सली, पुलिस को देखकर भागने लगे, 6 लाख कैश मिले, 11 बैंक पासबुक भी
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By Manoj Vyas

बीजापुर. आरबीआई द्वारा दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद दो नक्सली आठ लाख कैश लेकर बैंक पहुंचे थे. 1.86 लाख अलग-अलग खातों में जमा करने के बाद जा रहे थे, तभी ड्यूटी पर तैनात पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की. उन्हें पकड़कर जांच की गई तो 6 लाख कैश और मिले, जो दो-दो हजार रुपए के तीन बंडल में थे. इसके अलावा 11 बैंकों के पासबुक भी बरामद हुए हैं.

एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने मीडिया से चर्चा में बताया कि नक्सलियों के प्लाटून नंबर-10 के कमांडर मल्लेश ने गजेंद्र माड़वी (23 वर्ष) और लक्ष्मण कुंजाम को आठ लाख रुपए दिए थे. इन रुपयों को अलग-अलग बैंक खातों में जमा करना था, जो मल्लेश के परिचित थे. आरोपियों ने बीजापुर में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा में लक्ष्मण कुंजाम के खाते में 50 हजार रुपए जमा कराए थे. इसी तरह यूनियन बैंक में 48 हजार रुपए जमा कराए. इसी तरह गजेंद्र माड़वी के एसबीआई के खाते में 38 हजार व सेंट्रल बैंक के खाते में 50 हजार रुपए जमा कराए. इस तरह करीब 1.86 लाख रुपए जमा कराने के बाद बाकी 6 लाख किसी और दिन जमा कराने के उद्देश्य से रेखापल्ली की ओर जा रहे थे. दोनों बाइक पर सवार थे.

एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीएसपी सुदीप सरकार के साथ बीजापुर थाने और डीआरजी की टीम महादेव घाट के पास ड्यूटी पर थी. बाइक से जा रहे दोनों आरोपियों ने पुलिस टीम को देखा तो वे हड़बड़ा गए और बाइक मोड़कर भागने लगे. इससे पुलिस को संदेह हुआ और उन्हें रोककर पूछताछ की. दोनों ने अपना नाम बताया. जब उनके पास बैग की जांच की गई तो उसमें 6 लाश कैश और 11 बैंकों के पासबुक थे. साथ ही, प्रतिबंधित पंफलेट व परचे थे. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वे गोलमोल जवाब देने लगे. जो राशि उनके पास थी, उसके संबंध में भी कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए. अपनी बातों में ही जब आरोपी उलझ गए तो उन्होंने नक्सल कमांडर मल्लेश द्वारा यह राशि देने की बात स्वीकार की. पुलिस ने बाइक क्रमांक CG-18 M/1764, शासन विरोधी परचे, 6 लाख नोट और बैंक पासबुक जब्त कर लिया. दोनों आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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