CG IMA Strike: छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की हड़ताल: सरकारी और प्राइवेट सभी अस्पतालों में OPD और ऑपरेशन बंद, केवल इमरजेंसी सेवा...
CG IMA Strike: एआईएस के आह्वान पर आज छत्तीगसढ़ के सभी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में सरकारी और निजी सभी अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह बंद है।
CG IMA Strike: रायपुर। कोलकाता (पश्विम बंगाल) के आरके कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा के साथ हुई घटना के विरोध में आज देशभर के डाक्टर हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएएम) ने आज हड़ताल का आह्वान किया है। इसकी वजह से छत्तीगसढ़ सहित पूरे देश में सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी और ऑपरेशन सहित अन्य सेवा बंद है। सभी अस्पतालों में केवल आपतकालीन सेवा ही चल रही है।
आईएमए छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के सभी चिकित्सक एवं नर्सिंग होम में शनिवार 17 अगस्त सुबह 6 बजे से रविवार 18 अगस्त शाम 6 बजे तक केवल इमरजेंसी इलाज ही किया जाएगा अन्य सभी चिकित्सीय कार्य बंद रहेंगी। चिकित्सक समाज के स्वास्थ्य के लिए सेवा कार्य करते है पर आये दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। कलकत्ता में हुई घटना से पूरा चिकित्सक परिवार व देश की जनता अक्रोषित हैं पूरा चिकित्सक परिवार इस जघन्य घटना के पीड़ित परिवार के प्रति संवेदन वयक्त करता है और भगवान से प्राथना करते हैं कि उनके परिवार को इस दुःख को सहने करने की शक्ति दें। RG. KAR हॉस्पिटल के प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर के उपर हुए हादसे से हम बहुत दुखी और व्यथित हैं, यह पश्चिम बंगाल के कानून व्यवस्था के लिए काला दिवस है और प्रशासन पूरी तरह विफल है
शुक्ला ने आईएमए की मांगों के संबंध में बताया कि हमारी मांग है कि CBI जल्द से जल्द कार्यवाही कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में फांसी की सजा दिलाए। सभी अस्पतालों को safe zone घोषित किया जाए। NMC, केंद्र सरकार से हम मांग करते हैं कि अस्पताल में काम करने वाले जूनियर व सीनियर डॉक्टर के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करे।
NMC को एक समिति गठित कर जूनियर डॉक्टर की समस्याएं जैसे- मानसिक स्थिति का ध्यान रखा जाए, लंबी कार्य अवधि का ध्यान रखा जाए, जूनियर डॉक्टर को दिए जाने वाले शिष्यावृत्ति सुनिचित की जाए, ग्रामीण चिकित्सा अनुबंध को समाप्त किया जाए, जूनियर डॉक्टर के आवास की व्यवस्था की जाए और सरकार को हॉस्पिटल में चिकित्सक के साथ कोई घटना होती है तो इसके लिए कठोर कानून का प्रावधान किया जाना चाहिए।