CG Housing Scam: 23वें साल में कालोनाईजरों की लगी लाटरी: जोगी और रमन सरकार में गरीबों के हक पर डाका डालने में बिल्डर नहीं हुए कामयाब
CG Housing Scam: छत्तीसगढ़ के कालोनाईजरों ने नगरीय प्रशासन विभाग के साथ मिलकर गरीबों का हक मार लिया। उसके लिए बिल्डरों का एक वर्ग पिछले 23 साल से प्रयासरत रहा। मगर 23वें साल में जाकर दाल गई। इससे सरकार ने कालोनाईजरों को मालामाल कर दिया मगर गरीबों का बड़ा नुकसान हुआ। सरकार का लैंड बैंक को पलीता लगा सो अलग। बता दें, NPG.NEWS ने गरीबों की जेब काटने वाले प्रदेश के इस सबसे बड़े स्कैम का पर्दाफाश किया था।

CG Housing Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव के पहले बिल्डरों ने गरीबों के हक पर डाका डालने का काम किया, उसके लिए वे पिछले 23 साल से प्रयासरत थे। पहले अजीत जोगी सरकार में नियम बदलवाने की कोशिश की। उसके बाद रमन सिंह सरकार के 15 बरसों तक लगातार दबाव डालते रहे कि किसी भी तरह नियम बदल जाए, जिससे उन्हें दोनों हाथ से मलाई खाने का मौका मिल जाए।
रमन सिंह सरकार में आवास और पर्यावरण विभाग तथा नगरीय प्रशासन में लंबे समय तक डायरेक्टर रहे एक अफसर ने एनपीजी न्यूज को बताया कि रमन सिंह की दूसरी और तीसरी पारी में कालोनाईजरों का बडा प्रेशर था कि गरीबों और कमजोर आय वर्ग के लिए जमीन छोड़ने का नियम बदल दिया जाए। खासकर, 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले सारे कालोनाईजर एकजुट हो गए थे। मगर सरकार टस-से-मस नहीं हुई।
दरअसल, छत्तीसगढ़ देश का पहला नजीर पेश किया था, जो कालोनाईजरों से जमीन लेकर गरीबों के लिए शहरों में फ्लैट बनाकर दे रहा था। बिल्डर चाहते थे कि जमीन नगरपालिक और नगर निगम को देने की बजाए उन्हें अधिकार दे दिया जाए....वे खुद बनाकर बेचेंगे।
पिछली सरकार में विधानसभा चुनाव से महीना भर पहले सितंबर में वे इसमें कामयाब हो गए। नगरीय प्रशासन विभाग ने कालोनाईजरों की मिलीभगत से गरीबों के हकों की कटौती करने वाला आदेश 13 सितंबर 2023 को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया। कालोनाईजर नियमों में ऐसे समय बदलाव किया गया, जब पूरा तंत्र चुनाव में लगा था। याने छत्तीसगढ़ के कालोनाईजर 23वें साल में गरीबों का हक मारने में कामयाब हो गए।
NPG.NEWS ने 14 फरवरी को बिल्डरों और नगरीय प्रशासन के इस गठजोड़ में हुए घोटाले को एक्सपोज किया था। नीचे पढ़िये कैसे इस घोटाले को अंजाम दिया गया...