CG Electricity New Rates: छत्तीसगढ़ में महंगी हुई बिजली: 100 यूनिट की खपत अभी आता है 421 रुपये का बिल, जानिए अब कितना आएगा
CG Electricity New Rates: छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगा है। प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ा दी गई हैं। राज्य विद्युत नियमाक आयोग ने बिजली की नई दरें जारी कर दी है।
CG Electricity New Rates: रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नई बिजली दरों की घोषणा कर दी है। नई दरों में घरेलू बिजली की दरों में औसत 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इससे आम लोगों के बिल पर बड़ा असर पड़ेगा। अभी 100 यूनिट की खपत पर 421 रुपये का बिल आता है, लेकिन नई दरें लागू होने के बाद यह बढ़कर 443 रुपये हो जाएगा। 200 यूनिट की खपत पर अभी बिल 864 रुपये आता है, लेकिन अब 908 रुपये देना पड़ेगा। बिजली की नई दरें 1 जून से लागू कर दी गई है।
जितनी खपत बढ़ेगी उतनी महंगी हो जाएगी बिजली
घरेलू बिजली की नई दरों में सबसे कम दर 3 रुपये 90 पैसा प्रति यूनिट है। यह दर 100 यूनिट तक की खपत के लिए है। वहीं प्रति यूनिट बिजली की अधिकतम दर 8 रुपये 10 पैसा है जो 601 यूनिट और उससे अधिक की खपत पर आएगा। नई दरों में 0 से 100 यूनिट तक प्रति यूनिट बिजली की दर 3 रुपये 90 पैसा तय की गई है। 101 से 200 यूनिट तक प्रति यूनिट दर 4 रुपये 10 पैसा हो गई है। 201 से 400 तक प्रति यूनिट 5 रुपये 50 पैसा देना पड़ेगा। 401 से 600 यूनिट तक 6 रुपये 50 पैसा देना पड़ेगा।
इस तरह समझे बिजली की खपत और प्रति यूनिट खपत को
यदि किसी के घर में एक महीने में 350 रुपये बिजली की खपत हुई है, तो पहले 100 यूनिट तक उसे 3 रुपये 90 पैसा देना पड़ेगा। दूसरे 100 के यूनिट के लिए 4 रुपये 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिलिंग होगी। बाकी 150 यूनिट की दर 5 रुपये 50 पैसा रहेगी। इस तरह 350 यूनिट की खपत पर ऊर्जा चार्ज 1625 रुपये होगा। इस पर ऊर्जा शुल्क और सेस (टैक्स) जोड़कर बिल 1839 रुपये के करीब पहुंच जाएगा।
मौजूदा दर और नई दर का बिल पर कितना पड़ेगा असर
अभी 100 यूनिट की खपत पर करीब 421 रुपये बिल आता है। नई दरें लागू होने के बाद यह बढ़कर 443 रुपये हो जाएगा। 200 यूनिट की खपत पर अभी 864 रुपये आता है। नई दरें के आधार पर यह करीब 908 रुपये हो जाएगा। इसी तरह 400 यूनिट का अभी बिल 2060 रुपये आ रहा है वह अब बढ़कर 2149 रुपये हो जाएगा।
आयोग ने दी यह जानकारी
बिजली की नई दरें जारी करते हुए आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ के स्थान पर 24594 करोड़ मान्य किया गया है। वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है। इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित रू.4420 करोड़ राजस्व घाटे के स्थान पर रू.2819 करोड़ मान्य किया गया है। राज्य शासन ने वितरण कंपनी के सकल राजस्व घाटा को कम करने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रु.1000 करोड़ की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा करने का निर्णय लिया गया है। फलस्वरूप वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रचलित दरों से रू. 1819 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है। राज्य वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका के विश्लेषण से राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति हेतु औसत 20.45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी परंतु राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति तथा आयोग द्वारा विचारोपरान्त सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है।
औसत विद्युत प्रदाय दर एवं औसत विद्युत बिलिंग दर
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर (Average cost of supply) रू.6.92 प्रति यूनिट अनुमानित की गई है। आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों एवं राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी के घाटे की प्रतिपूर्ति के फलस्वरूप औसत विद्युत बिलिंग दर रू.6.92 पैसे अनुमानित है जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है। तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है।
वर्तमान आदेश के मुख्य बिन्दु :-
घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
मांग एवं उपलब्ध विद्युत उत्पादन के विश्लेषण उपरान्त TOD की संरचना में परिवर्तन किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिन्ट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा (Green Energy) क्रय करने हेतु इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का निर्धारण किया गया है।
• रेलवे के टैक्शन लोड हेतु लागू 20 प्रतिशत की लोड फैक्टर रिबेट को समाप्त कर दिया गया है।
HV-5 एवं LV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता
गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी।
किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
गैर घरेलू उपभोक्ता
पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रु.6.92/- प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।
महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग_गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01.04.2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को 25 प्रतिशत किया गया है।
निम्नदाब उद्योग
निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है।
उच्चदाब उपभोक्ता
रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है।
उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों, पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं लागू लोड फेक्टर रिबेट में परिवर्तन करते हुए लोड फैक्टर रिबेट की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत निर्धारित की गई है।