रायपुर। जानकारियां विलंब से देना एक डिप्टी कलेक्टर को महंगा पड़ गया। राज्य सूचना आयोग ने 25 हजार का अर्थदंड का आदेश सुनाया है। जब ये मामला सामने आया था तब डिप्टी कलेक्टर अम्बिकापुर के तहसीलदार थे।
दरसअल, जन सूचना अधिकारी तहसीलदार अंबिकापुर जिला सरगुजा छत्तीसगढ़ के समक्ष 24/1/2019 को डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्रदान करने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था। पक्षकार वीरेंद्र कुमार पिता रूपनारायण ग्राम बलसेडी में पारित आदेश दिनांक 28/1/2017 के संबंध में 1-उपरोक्त प्रकरण के संपूर्ण आर्डर सीट की प्रमाणित प्रतिलिपि।
2-उपरोक्त प्रकरण में सलंग्न समस्त दस्तावेज पटवारी प्रतिवेदन आवेदन की प्रमाणित प्रतिलिपि के संबंध में जानकारी की मांग की गई थी। जिसमें समय अवधि में वांछित जानकारी प्राप्त न होने के कारण राज्य सूचना आयोग में धारा 19(3) के तहत डी० के० सोनी के द्वारा 6/5/2019 को द्वितीयअपील प्रकरण क्रमांक ए/1531/2019 प्रस्तुत किया गया था।
उक्त द्वितीय अपील को राज्य सूचना आयोग ने पंजीबद्ध करते हुए तत्कालीन जन सूचना अधिकारी बिजयनेद्र सिंह सारथी तहसीलदार अंबिकापुर को नोटिस जारी किया गया तथा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से जवाब मंगाया गया लेकिन जन सूचना अधिकारी द्वारा नोटिस के पालन में कोई पूर्ण लिखित जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया और ना ही उपस्थित हुए जिसके कारण राज्य सूचना आयोग द्वारा विधिवत सुनवाई करते हुए 27/2/2023 द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक ए/1537/2019 में आदेश पारित करते हुए राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी द्वारा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी बिजयनेद्र सिंह सारथी तहसीलदार अंबिकापुर को 25000/- रुपए का अर्थदंड धारा 20(1) के तहत आरोपित किया गया।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंबिकापुर को निर्देशित किया गया कि तत्कालीन जन सूचना अधिकारी तहसीलदार अंबिकापुर जिला सरगुजा के वेतन से उक्त राशि 25000 रुपए काटकर शासन के खाते में जमा कर राज्य सूचना आयोग में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के साथ ही साथ अधिनियम की धारा 19 (8)(ख) के अंतर्गत अपीलार्थी को 500/-रुपए क्षतिपूर्ति तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से राशि प्रदान करने का आदेश दिया गया है।