CG Coal Scam: कोयला घोटाला: सूर्यकांत तिवारी के जेल ट्रांसफर की अर्जी कोर्ट ने की खारिज...
CG Coal Scam: कोयला घोटाले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को जेल ट्रांसफर करने के लिए जेल प्रशासन ने आवेदन दिया था। जेल प्रशासन के अनुसार सूर्यकांत तिवारी लगातार अनुशासनहीनता करते हुए जेल में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा है । जेल प्रशासन के आवेदन को विशेष न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

CG Coal Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ के कोयला लेवी घोटाले के कथित मास्टरमाइंड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सूर्यकांत तिवारी को रायपुर सेंट्रल जेल से शिफ्ट करने की जेल प्रशासन की अर्जी को एसीबी–ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि जेल मैनुअल के तहत गंभीर उल्लंघन के अभाव में बंदी का स्थानांतरण उचित नहीं ठहराया जा सकता।
जेल ट्रांसफर पर अदालत की रोक
जेल प्रशासन ने तिवारी पर बार-बार “अशोभनीय व्यवहार” और “अराजकता फैलाने की कोशिशें” करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में स्थानांतरण की अर्जी दाखिल की थी। तर्क यह भी दिया गया कि 20 जुलाई को बैरक में की गई आकस्मिक जांच के दौरान तिवारी ने जांच में सहयोग से इनकार, जेलकर्मियों से दुर्व्यवहार और अशालीन भाषा का प्रयोग किया।
हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को अपर्याप्त करार देते हुए कहा कि जब तक कोई बंदी जेल की सुरक्षा, संचालन या अनुशासन के लिए सीधा खतरा नहीं बनता, तब तक उसे ट्रांसफर करने का औचित्य नहीं बनता।
जेल प्रशासन ने यह भी दावा किया कि सूर्यकांत तिवारी जेल के भीतर भी अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिश करता है और इससे अन्य बंदियों में अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिल सकता है। मगर कोर्ट ने इन तर्कों को मूल्यांकन योग्य प्रमाणों के अभाव में खारिज किया।
अब तिवारी को रायपुर सेंट्रल जेल में ही न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा। प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे जेल परिसर में निगरानी और अनुशासन को और सख्त करें।
‘किंगपिन’ की पहचान और घोटाले का जाल
सूर्यकांत तिवारी को ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने कोल लेवी घोटाले का मुख्य संचालक माना है। आरोप है कि उसने राज्य में कोयला परिवहन, परमिट और पीट पास के नाम पर 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था, जिसमें प्रभावशाली अफसर और कारोबारी शामिल थे।
इस घोटाले में तिवारी के साथ-साथ निलंबित आईएएस एअफसर रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उप सचिव सौम्या चौरसिया, और आईएएस समीर विश्नोई भी आरोपी हैं। इनमें से अधिकतर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, परंतु तिवारी की जमानत याचिकाएं अब तक बार-बार खारिज होती रही हैं।
