CG Assembly Winter Session: टेंडर के लिए फर्जी दस्तावेज पर आमने-सामने: साव ने बताया किए गए हैं ब्लैक लिस्टेड, कौशिक ने पूछा- FIR क्यों नहीं कराई गई
CG Assembly Winter Session:

CG Assembly Winter Session: रायपुर। जल जीवन मिशन के टेंडर में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने डिप्टी सीएम अरुण साव पर सवालों की बौछार कर दी। डिप्टी सीएम ने स्वीकार किया कि कुछ लोगों फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर हासिल किया था ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। कौशिक ने सरकार की इस कार्रवाई पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि जब फर्जीवाड़ा हुआ है तो एफआईआर क्यों नहीं कराई।
कौशिक ने पूछा था कि राज्य में बीते 2 वर्षों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत किन-किन ठेकेदारों/संस्थाओं के विरूद्ध किस आधार पर नोटिस जारी किये गए हैं? किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें, किसके द्वारा, कब-कब की गई व इसमें क्या जांच की गई और कौन दोषी पाया गया? फर्जी दस्तावेज व गलत अनुभव प्रमाण पत्र व अपूर्ण जानकारी के आधार पर निविदा प्राप्त करने वाले किन-किन संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया, कार्यवाही की गई, प्रतिबंधित किया गया या राशि वसूल की गई?
इस पर डिप्टी सीएम साव ने बताया कि जल जीवन मिशन में 13 को कारणों से नोटिस जारी किया गया। दो वर्ष में 72 ठेकेदारों के खिलाफ शिकायत मिली इसमें अलग-अलग कार्रवाई की गई है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर 26 को नोटिस जारी किया गया।
कौशिक ने पूछा कि जनप्रतिनिधियों ने जो शिकातय किया उसके आधार पर जांच हुई है। केवल अनुबंध निरस्त किया गया। फिर भुगतान भी किया गया है। फर्जी दस्तावेज कूटरचीत दस्तावेज के आधार पर काम लिया गया। करोड़ों अरबो का है। जांच में फर्जी दस्तावेज के आधार पर काम लेना स्वीकार किया है। अपके अधिकारियों ने जानबूझकर ऐसा किया। केवल ब्लैक लिस्ट किया गया। एफआईआर क्यों नहीं किया गया। उन्होंने इसकी ईडी से जांच कराने की मांग। मंत्री ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामलों की जांच उच्च स्तरीय छानबीन समिति को सौंपी गई है। जो भी अनुशंसा प्राप्त होगी उसके अनुसार कार्रवई की जाएगी।