CG Arpa-Bhainsajhad Canal: किसानों का मुआवजा बिल्डर, व्यापारी को, पटवारी के रिलीविंग के बाद करा डाला करोड़ों का फर्जीवाड़ा, कार्रवाई के बदले मिली आरटीओ की कुर्सी...
CG Arpa-Bhainsajhad Canal: 1100 करोड़़ के छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी अरपा-भैंसाझाड़ नहर परियोजना में एसडीएम ने फर्जीवाड़ा करते हुए किसानों का मुआवजा बिल्डर और व्यापारी को दे दिया। जिन किसानों की जमीने नहर में गई, वे मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। एसडीएम ने कमाल का फर्जीवाड़ा करते हुए पटवारी के रिलीव होने के बाद भी करोड़ों के मुआवजे का बंदरबाट करा दिया। कलेक्टर की जांच में स्पष्ट तौर पर दोषी ठहराए जाने के बाद भी कार्रवाई करने की जगह एसडीएम को बिलासपुर का आरटीओ बना दिया गया।

CG Arpa-Bhainsajhad Canal: बिलासपुर। अरपा भैंसाझार नहर निर्माण में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। NPG.NEWS को मिले दस्तावेज में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पटवारी मुकेश साहू जिसको राज्य शासन ने आरआई के पद पर पदोन्नति दे दी थी। पदोन्नति आदेश के बाद कोटा के तत्कालीन एसडीएम आनंद रूप तिवारी ने 29 जून को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया। एसडीएम के आदेश के बाद उसी दिन तहसीलदार ने पटवारी मुकेश साहू को रिलीव कर दिया। रिलीव होने के बाद भी पटवारी मुकेश साहू आश्चर्यजनक ढंग से अरपा भैंसाझार नहर निर्माण के कार्य से अपने आपको जोड़े रखा और भीतर ही भीतर करोड़ों का खेला करते रहा। पटवारी के इस फर्जीवाड़े को एसडीएम तिवारी पूरी तरह शह देते रहे। या यूं कहें कि रिलीव करने के आदेश देने और कार्यमुक्त करने की तहसीलदार द्वारा एसडीएम को जानकारी देने के बाद भी एसडीएम तिवारी पटवारी से फर्जीवाड़ा करवाते रहे। दो किसान जिसकी जमीन नहर निर्माण में अधिग्रहण की गई थी, किसानों का नाम काटकर आसमां बिल्डर्स के नाम पर भुगतान कर दिया। एक व्यवसायी की जमीन जिसका मुआवजा प्रकरण बना था, उसे दूसरे व्यवसायी की पत्नी के नाम पर कर दिया।
किसानों की जमीन पर बन गया नहर, मुआवजा हड़प लिया बिल्डर्स ने
शत्रुहन पिता मोतीलाल की 41 डिसमील व मेंड्रा निवासी किसान लक्ष्मण पिता रामफल की 27 डिसमील जमीन नहर निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी। इनके नाम से मुआवजा प्रकरण भी बना। पटवारी मुकेश साहू ने मुआवजा पत्रक व भूअर्जन दस्तावेजों में कांट-छांट कर दोनों किसानों के नाम को गायब कर दिया। दोनों किसानों के बजाय 41.32 लाख का फर्जी भुगतान आसमां बिल्डर्स के नाम मुआवजा बना दिया और राशि का भुगतान भी कर दिया है। जिसका फर्जी प्रतिवेदन पटवारी मुकेश साहू ने जुलाई 2020 में बनाया। खास बात ये कि 29 जून 2020 को मुकेश साहू को पटवारी पद से भार मुक्त कर दिया गया था।
एक फर्जीवाड़ा ऐसा भी
लोरमी निवासी मनोज अग्रवाल पिता पवन अग्रवाल की जिस 29 डिसमील जमीन का मुआवजा देने के लिए पटवारी व राजस्व अफसरों ने नहर का एलाइमेंट बदला गया है उस जमीन का अधिग्रहण के लिए शासन स्तर पर राजपत्र में प्रकाशन भी नहीं हुआ है। राजस्व अमले और अफसरों ने एक व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए कागजों में पूरा खेल कर दिया और सरकारी खजाने को जमकर नुकसान पहुंचाया है। पटवारी मुकेश साहू और एसडीएम तिवारी ने एक और खेला किया। बिलासपुर साकेत एक्सटेंशन निवासी पवन अग्रवाल पिता राधेश्याम अग्रवाल का मुआवजा पत्रक से नाम काटकर लोरमी निवासी शारदा देवी पति पवन अग्रवाल व मनोज पिता पवन अग्रवाल के नाम 88.76 लाख का फर्जी मुआवजा बना दिया और एसडीएम तिवारी ने भुगतान भी कर दिया।