Budget session of Chhattisgarh Assembly: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई: सरकार ने सदन में बताया- परसा कोल ब्लाक क्षेत्र में नहीं हुई है कटाई
Budget session of Chhattisgarh Assembly:
Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान और पेड़ों की कटाई को लेकर आज विधानसभा में प्रश्न हुआ। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या 30 नवंबर, 2023 की स्थिति में परसा ईस्ट केते बासेन एवं परसा कोयला खदान हसदेव अरण्य क्षेत्र अंतर्गत कोयला उत्खनन के लिए राज्य सरकार द्वारा कब-कब, कितने चरणों की, स्वीकृति दी गई। इसका क्षेत्रफल कितना-कितना है? खनन कार्य केन्द्र व राज्य सकरार के द्वारा प्रदत्त किन नियमों के तहत्, किन-किन निजी/शासकीय संस्थाओं द्वारा संपादित किया जाना है? उन संस्थाओं का नाम, पता सहित बतायें? क्या उक्त खनन के लिए भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त की गयी थी? यदि हां, तो किन-किन शर्तों पर, कितने वृक्षों की कटाई की स्वीकृति प्राप्त हुई और 30 नवंबर, 2023 की स्थिति में कितने पेड़ों की कटाई की जा चुकी है?
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि 30 नवम्बर 2023 की स्थिति में सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र अन्तर्गत परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड विद्युत भवन जनपद ज्योति नगर जयपुर (राजस्थान) के पक्ष में राज्य शासन के आदेश 02.11.2015 द्वारा खनिपट्टा स्वीकृत किया गया। 19.04.2017 को 30 वर्ष के लिए अनुबंद निष्पादन किया गया है। परसा कोल ब्लॉक को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को भारत सरकार, कोयला मंत्रालय द्वारा कोल माईंस (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट 2015 एवं कोल माईन्स (स्पेशल प्रोविजन) रूल्स, 2014 के तहत 08 सितम्बर 2015 को उक्त कोल ब्लॉक सीबी एक्ट, 1957 के तहत् राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के पक्ष में अधिसूचित किया गया है।
परसा ईस्ट केते बासेन एवं परसा कोयला खदान के लिए भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 एवं अनुसंगी नियमों में निर्धारित शर्तों पर जारी की गई है। नवम्बर 2023 की स्थिति में परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान में वन भूमि 30 अन्तर्गत कुल 91,343 वृक्षों की कटाई की स्वीकृति प्राप्त हुई, जिसमें 81,886 वृक्षों की कटाई की जा जा चुकी है। परसा कोयला खदान में कुल 680 वृक्षों की कटाई की स्वीकृति प्राप्त हुई, जिसमें ग्रामीणों के विरोध के किया गया है। कारण किसी भी वृक्ष की कटाई नहीं किया गया है।
सदन में उठा अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियिमतिकरण का मुद्दा: सरकार ने दी यह जानकारी..
रायपुर। अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किए जाने को लेकर आज विधानसभा में सवाल हुआ। कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने इसको लेकर प्रश्न किया था। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई समिति का गठन किया गया है? यदि हो, तो इसके सदस्य कौन-कौन है ? समिति की बैठकें कब-कब हुई है तथा समिति के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही हुई है ? कर्मचारियों को नियमित करने हेतु कार्यवाही कब तक पूर्ण कर दी जाएगी ?
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया है कि अनियमित कर्मचारियों/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश 11.12.2019 को प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसमें प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग -सदस्य
सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग - सदस्य सचिव
सचिव, वित्त विभाग सदस्य
सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग -सदस्य
सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग सदस्य
समिति की प्रथम बैठक 09.01.2020 को आहूत की गई थी, जिसमें समिति की अनुशंसा अनुसार शासन के समस्त विभाग से अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी प्राप्त हो गयी है। समिति की द्वितीय बैठक 16.08.2022 को आहुत की गई, जिसमें समिति की अनुशंसा अनुसार निम्नलिखित पांच बिन्दुओं की जानकारी शासन के समस्त विभागों से चाही गई है-
1. विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुते विज्ञापन/भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?
2. क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं? 3. कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है क्या वह पद संबंधित विभाग के पद-संरचना/भर्ती नियम में स्वीकृत है?
4. क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग) का पालन किया गया है? 5. अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत व्यक्ति जिस पद पर कार्यरत है, उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है तथा उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है ? 41 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है शेष। 106 विभागों से जानकारी अप्राप्त है।
कांग्रेस विधायक ने पूछा- डीएमएफ में विधायकों का कितना प्रतिशत: मंत्री बोले- ये विष्णुदेव साय की सरकार है, यहां प्रतिशत नहीं चलता...
रायपुर। विधानसभा में जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) पर सवाल- जवाब के दौरान कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने एक ऐसा प्रश्न कर दिया कि पूरे सदन की हंसी छूट गई। दरअसल, सदन में डीएमएफ से कामों पर रोक को लेकर चर्चा हो रही थी। तभी कांग्रेस विधायक यादव ने खड़े होकर पूछा कि डीएमएफ में विधायकों का कितना प्रतिशत हिस्सा रहेगा। इस पर पूरा सदन हंसने लगा। फिर उन्होंने समझाने की कोशिश करते हुए अपना वहीं सवाल दोहराया।
इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि यह विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार है यहां प्रतिशत नहीं चलेगा। फिर उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं समझ रहा हूं कि विधायक जी क्या जानना चाह रहे हैं। चौधरी ने कहा कि दरअसल वे यह पूछना चाह रहे हैं कि जो काम स्वीकृत होता है उसमें विधायकों की अनुशंसा पर कितना होता है। मंत्री ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इसमें किसी का कोई हिस्सा नहीं होता है।डीएमएफ से कौन सा काम होगा यह कलेक्टर की अध्यक्षता वाली शासी परिषद तय करती है। इस परिषद में जिले के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि रहते हैं, वे अपनी अनुशांस कर सकते हैं।
डीएमएफ पर सरकार का स्पष्टीकरण: सदन में मंत्री बोले- राज्य स्तर पर किसी भी काम को नहीं किया गया है अस्वीकृत
रायपुर। जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के कार्यों के संबंध में आज विधानसभा में मंत्री ओपी चौधरी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के स्तर पर कोई भी काम अस्वीकृत नहीं किया गया है। यह जानकारी आज उन्होंने कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल के एक प्रश्न के उत्तर में दी। विभागीय मंत्री व सीएम विष्णुदेव साय की अनुपस्थिति में खनिज विभाग से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री चौधरी ने कहा कि सरकार ने डीएमएफ से स्वीकृत कामों की शासी परिषद की बैठक में समीक्षा करने के लिए कहा है। किसी भी काम को निरस्त या अस्वीकृत सरकार के स्तर पर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर की अध्यक्ष्ता वाली शासी परिषद में जिला के सभी विधायक और सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधि ही सदस्य हैं।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि शासी परिषद की मंजूरी के बिना डीएमएफ से कोई काम नहीं कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर ने किसी काम को अस्वीकृत या स्वीकृत किया है तो इसके लिए कलेक्टर को शासी परिषद से अनुमोदन प्राप्त करना ही होगा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने बताया कि शासी परिषद की बैठक बुलाने का आशय यह नहीं है कि काम निरस्त या अमान्य कर दिया जाएगा। बैठक में सभी विधायक उपस्थित होते हैं। अभी जो बैठक हो रही है वह आगामी कार्ययोजना के लिए हो रही है।
डॉ. महंत ने पूछा- रेत से कितना तेल निकलता है: उत्तर मिला- रेत, शराब और कोयला से तेल निकालने वाले तो उस तरफ बैठे हैं...
रायपुर। विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान रेत के अवैध खनन और परिवहन का मुद्दा छाया रहा। इस पर लंबी चर्चा चली, जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से कई विधायक शामिल हुए। सभी ने प्रदेश में रेत के अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग की। इस बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि रेत को लेकर इतने लोग सवाल कर रहे हैं। मंत्री जी बताएंगे कि रेत से कितना तेल निकलता है।
इसका जवाब मंत्री ने नहीं दिया, लेकिन सत्ता पक्ष की तरफ से वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने उत्तर दिया। कहा कि रेत, शराब और कोयला से तेल निकालने वाले तो उधर बैठे हैं। रेत खदानों और खनन पर सवाल- जवाब के बीच मंत्री ओपी चौधरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम आवास के लिए नि:शुल्क रेत परिवहन की अनुमति देने की सदन में घोषणा की।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह घोषणा आज मंत्री ओपी चौधरी ने की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के हस्तक्षेप के बाद मंत्री ने रेत का अवैध उत्खन्न और परिवहन रोकने के लिए अगले 15- 20 दिनों तक लगातार अभियान चलाने की भी घोषणा की। रेत के अवैध कारोबार का यह मुद्दा आज प्रश्नकाल के दौरान उठा। जांजगीर-चांपा जिला में रेल के अवैध परिवहन को लेकर हुए प्रश्न पर कई सदस्यों ने मंत्री से सवाल किया। प्रदेशभर में रेत के कारोबार में बाहुबलियों की दखल, अवैध खनन और अवैध परिवहन की प्रदेशभर से मिली शिकायतों पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने मंत्री चौधरी से पूछा कि क्या सरकार की तरफ से इस पर कोई कार्यवाही की जाएगी। इस पर मंत्री ने कहा कि खनिज विभाग की पूरी टीम को लगातार अगले 15-20 दिनों तक सभी रेत घाटों की नियमित जांच कराई जाएगी।
खनिज विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विभाग है। आज सदन में उनकी अनुपस्थिति में मंत्री चौधरी ने प्रश्नों का उत्तर दिया। जांजगीर में रेत खदान को लेकर विधायक शेषराज हरवंश के प्रश्न पर मंत्री चौधरी ने बतया कि किसी भी रेत खदान में मशीन से रेत निकालने की अनुमति नहीं है। अगर कहीं नियमों की अनदेखी हो रही है तो उस पर कार्यवही करेंगे।
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जांजगीर ही नहीं पूरे प्रदेश में ऐसा चल रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी हेलीकॉप्टर से निरीक्षण करके देख लें। रेत घाटों पर 200 से ज्यादा फोकलेन और डोजर मिलेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं इस्तीफ दे दूंगा। उन्होंने कहा कि रेत ठेका में बाहुबलियों का कब्जा हो गया है। उन्होंने रेत घाटों को फिर से पंचायतों को देने पर विचार करने का आग्रह किया।
मंत्री ने कहा कि सुधार की दिशा में सरकार विचार करेगी। जांजगीर जिला में रेत परिवहन कर रही ट्रेक्टर से 16 वर्षीय बच्ची की मौत के मामले में मंत्री ने कहा कि नियमानुसार उसके परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। जरुर पड़ी तो स्वेच्छा अनुदान से भी मृत छात्रा के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
भाजपा के रिकेश सेन ने सरगुजा संभाग के विभिन्न जिलों में रेत के अवैध खनन और परिवहन को लेकर प्रश्न किया। इस पर मंत्री ने वहां सप्ताहभर में कार्यवाही का अश्वासन दिया है। सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर क्षेत्र में मुरम के अवैध खनन का मुद्दा उठाया। वहीं, लता उसेंडी ने कहा कि कोंडागांव में एक भी रेत घाट स्वीकृत नहीं है। पीएम आवास के लिए ग्रामीण रेत निकाल रहे हैं तो उन्हें भी तंग किया जा रहा है। इस पर मंत्री ने कहा कि नियमानुसार स्थानीय उपयोग के लिए रेत निकालने की छूट है। इस पर स्पीकर ने प्रश्न किया कि क्या सरकार पीएम आवास वालों को नि:शुल्क रेत निकालने की अनुमति देगी। मंत्री ने इस पर सहमति जाहिर करते हुए घोषणा की कि छोटे टेक्टर में पीएम आवास के लिए नि:शुल्क रेत उपलब्ध करा देंगे। इस चर्चा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत भी शामिल हुए।
धर्मजीत बोले- तो दे दूंगा इस्तीफा: रेत पर बहस के दौरान सत्तारुढ़ भाजपा के विधायक ने दी चुनौती...
रायपुर। विधानसभा में आज सदन में रेत के अवैध खनन और परिवहन पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने इस्तीफा की चुनौती दे दी। प्रश्नकाल में आज रेत को लेकर सदन में लंबी चर्चा चली। इस दौरान धर्मजीत सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में रेत का अवैध खनन और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। सभी रेत घाटों पर नियमों की अनदेखी करते हुए बड़ी बड़ी मशीनों से रेत का खनन किया जा रहा है। रेता का पूरा कारोबार बाहुबलियों के हाथ में चला गया है।
खनिज विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विभाग है, आज सदन में उनकी अनुपस्थिति में वित्त मंत्री ओपी चौधरी सवालों का जवाब दे रहे थे। विधाकय सिंह ने कहा कि रेत के अवैध कारोबार मंत्री जी को देखना है तो एक हेलीकॉप्टर बुला लें और हवाई सर्वे करके देख लें। 200 से ज्यादा फोकलेन और डोजर मिलेगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं विधायक पद से इस्तीफ दे दूंगा। उन्होंने कहा कि रेत ठेका में बाहुबलियों का कब्जा हो गया है। उन्होंने रेत घाटों को फिर से पंचायतों को देने पर विचार करने का आग्रह किया।