Bilaspur News:आबकारी विभाग को डेढ़ करोड़ का चूना: बिना रुपये जमा किये बैंक कैशियर ने आबकारी विभाग को ऐसे लगाया चूना, FIR दर्ज
Bilaspur News बिलासपुर। बैंक के कैशियर से मिलीभगत कर आबकारी के ठेका कर्मचारियों ने एक करोड़ 47 लाख 53 हजार स्र्पये का गबन कर लिया। आडिट में बैंक खाता और जमा पर्चियों में मिलान नहीं होने पर ठेका कंपनी के अधिकारियों ने बैंक से संपर्क किया। इसके बाद पूरा मामला सामने आया। बैंक मैनेजर ने कैशियर और उसके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
व्यापार विहार एक्सीस बैंक के प्रबंधक दुर्जती मुखर्जी ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि बैंक में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन का खाता है। शराब बिक्री की रकम को टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी दुकानों से लाकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग के खाते में जमा कराते हैं। कंपनी की आडिट में पता चला कि बैंक खाते में एक करोड़ 47 लाख 53 हजार स्र्पये कम है। इसकी जमा पर्चियां कंपनी के पास मौजूद है। कंपनी के अधिकारियों ने इसकी शिकायत बैंक में की। इस पर बैंक प्रबंधन की ओर से इसकी जांच कराई गई। जांच में पता चला बैंक कैशियर राकेश प्रसाद द्वारा ये पर्चियां जारी की गई है। इस पर बैंक प्रबंधन ने कैशियर से पूछताछ की। इसमें कैशियर ने बताया कि टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी उसे बिना रकम दिए पर्चियां लेकर जाते थे। इसके एवज में कैशियर को कमिशन दिया जाता था। कमिशन के लालच में उसने कर्मचारियों को बिना स्र्पये जमा किये ही जमा पर्चियां जारी कर दी है। बैंक प्रबंधन की ओर से इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर ठेका कंपनी के कर्मचारियों की तलाश कर रही है।
ठेका कंपनी के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध
आबकारी विभाग के शराब दुकानों में कर्मचारियों की नियुक्ति प्राइम वन की ओर से की जाती है। वहीं, स्र्पये जमा कराने का काम टफ सिक्यूरिटी के कर्मचारी करते हैं। दिसंबर माह में गबन की जानकारी मिलने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया। यदि पहले ही इस पर संज्ञान लिया गया होता तो ठगी की रकम का आंकड़ा कम हो सकता था। और गबन करने वाले आरोपी गिरफ्तार हो सकते थे।