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Bilaspur News CG: फोन-पे पर रिश्वत: छत्तीसगढ़ में दुःसाहसी कांस्टेबल ने एक्सीडेंट में घायलों से FIR का डर दिखा फोन-पे से एकाउंट में मंगा लिया 50 हजार

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By NPG News

Bilaspur News CG: न्यू ईयर की पार्टी करके ढाबा जा रहे ट्रांसपोर्टर की कार को सामने से रॉंग साइड आ रही कार ने ठोकर मार दी। इससे ट्रांसपोर्टर को चोटें आईं। वहीं, हादसे की सूचना पर चकरभाठा थाने की पेट्रोलिंग पार्टी मौके पर पहुंची। पेट्रोलिंग के जवान ने घायल की मदद करने की बजाए उल्टा उसे ही धमकाने लगा और पैसे मांगने लगा। इतना ही नहीं, उसने ड्राइवर के मोबाइल पर फोन-पे से 50 हजार रुपए भी ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद 30 हजार रुपए और मांगता रहा। जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंच गई। एसएसपी पारुल माथुर ने आरक्षक को तुरंत लाइन अटैच कर दिया है। घटना चकरभाठा थाना क्षेत्र की है।

कोरबा के पाली निवासी राजेश देवनाथ ट्रांसपोर्टर हैं। बीते 31 दिसंबर की रात पार्टी के लिए वे शहर आए हुए थे। बताया जा रहा है कि पहले वे सिटी मॉल के तंत्रा बार गए फिर रात्रि में चकरभाठा थाना क्षेत्र के काली ढाबा खाना खाने जा रहे थे। तभी रॉंग साइड से आ रही कार ने उनकी कार को टक्कर मार दी। उनके साथ 10 साल की बच्ची भी थी। दुर्घटना में दोनों कार क्षतिग्रस्त हुई थी। घटना की सूचना पर चकरभाठा पुलिस की पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंच गई। पेट्रोलिंग में तैनात आरक्षक चंद्रकांत निर्मलकर ने घायल की मदद करने के बजाए उसे धमकाना शुरू कर दिया। उसने राजेश को धमकाते हुए पेट्रोलिंग के ड्राइवर सुमनदास मानिकपुरी के एकाउंट में पचास हजार रुपए ले लिए। इधर हादसे की जानकारी होने पर बच्ची की मां मौके पर पहुंची। वह, बालिका को लेकर लौट गई। घायल राजेश को अस्पताल ले जाया गया। राजेश के कुछ साथियों ने इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाई। एसएसपी पारुल माथुर ने इसे संज्ञान में लेते हुए आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है।

30 हजार मांग रहा था ड्राइवर-

आहत ट्रांसपोर्टर राजेश देवनाथ के दुर्घटना में दोनो पैर टूट गए। बताया जा रहा है कि, जब आहत अस्पताल में था तभी उसके पास आरक्षक के ड्राइवर ने फोन किया और शेष 30 हजार रुपए की और मांग की। लगातार पैसे के लिए उस पर दबाव बनाया जाने लगा। इस दौरान ट्रांसपोर्टर के स्थानीय परिचितों अभिषेक चौबे भी अस्पताल आये हुए थे। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों तक की।

साथी या पुलिस का दबाव, नहीं करना चाहते शिकायत-

इस मामले के सामने आने के बाद ट्रांसपोर्टर पर शिकायत ना करने का दबाव बनाया जाने लगा। पुलिस की माने तो घायल ने अपने दोस्त के माध्यम से मामले में कार्रवाई नहीं चाहने का आवेदन थाने में दिया है। जबकि, अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि, आहत पर पुलिस अथवा उनके किसी साथी का दबाव था, जिस वजह से इस मामले की उन्होंने शिकायत नहीं की।

पैसे वापस करवाया पुलिस ने-

इस मामले के सामने आते ही पुलिस अधिकारियों ने चकरभाठा पुलिस को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद आनन-फानन में आरक्षक ने रिश्वत के रूप में लिए हुए 50 हजार रुपए ट्रांसपोर्टर को वापस कर दिए।

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