Bilaspur News: दुष्कर्म पीड़िता की मां पर हुई एफआईआर के मामले में पुलिस ने अदालत में पेश की खारिजी रिपोर्ट, माना एफआईआर थी झूठी...
Bilaspur News: बिलासपुर। बिलासपुर के रतनपुर में पॉक्सो पीड़िता की मां के ऊपर हुई एफआईआर के मामले में आज पुलिस ने अदालत में खारिजी प्रस्तुत की। जांच रिपोर्ट में समझौता करवाने के लिए दबाव डालने हेतु झूठी रिपोर्ट करना पाया गया। जिसके बाद अदालत में खारीजी रिपोर्ट पेश की गई है। इससे पूर्व मामले में आर्थिक प्रलोभन देने व समझौते के लिए धमकाने की शिकायत पर आरोपी पक्ष पर एफआईआर भी दर्ज की गई है।
रतनपुर क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने 5 मार्च को रतनपुर के ही आफताब मोहम्मद के ऊपर अपहरण व बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर पुलिस ने अपहरण व पॉक्सो की एफआईआर दर्ज कर आरोपी आफताब मोहम्मद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी आफताब की जमानत हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है। आरोपी के चाचा हकीम मोहम्मद भाजपा पार्षद हैं। आरोपी के परिजनों के द्वारा पीड़िता व उसकी मां पर लगातार समझौता हेतु दबाव बनाया जा रहा था और उससे समझौते नामा बनवा शपथ पत्र में साइन भी दबाव पूर्वक करवा लिया गया था। इस मामले में पीड़िता ने रतनपुर थाने में शिकायत की थी। समझौते के लिए प्रलोभन भी दिया गया था। जिसकी रिकॉर्डिंग भी पीड़िता के पास उपलब्ध थी। मामले में समझौता न करने पर दबाव बनाने हेतु पुलिस को गुमराह करते हुए आरोपी आफताब मोहम्मद के परिवार ने गलत तथ्यों के साथ रतनपुर थाने में आफताब के 10 वर्षीय बुआ के बेटे को सामने रखकर पॉक्सो पीड़िता की मां के ऊपर बच्चे के यौन शोषण की झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी थी। 19 मई को पीड़िता की मां के ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज करने के साथ ही रतनपुर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।
मामला सामने आने पर ब्राह्मण समाज,विश्व हिंदू परिषद समेत विभिन्न संगठनों ने रतनपुर थाने का घेराव कर व रतनपुर बंद कर पीड़िता की मां के लिए न्याय मांगा था। ब्राह्मण समाज के साथ ही सामाजिक संगठनों ने कलेक्ट्रेट का भी घेराव किया था और झूठी एफआईआर की खारीजी की मांग की थी। एसपी संतोष सिंह तक मामले की शिकायत पहुंचने पर प्रथम दृष्टया उन्होंने रतनपुर टीआई कृष्ण कुमार सिंह को लाइन अटैच करते हुए एडिशनल एसपी राहुल शर्मा के नेतृत्व में 4 सदस्यीय कमेटी बना दी थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद रतनपुर के टीआई कुमार सिंह को निलंबित करते हुए एफआईआर के वक्त थाने में मौजूद कोटा एसडीओपी सिद्धार्थ सिंह बघेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके साथ ही नाराज एसपी संतोष सिंह ने एफआईआर के वक्त थाने में मौजूद 18 पुलिसकर्मियों को थाने से हटा दिया था।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 19 मई को आफताब मोहम्मद की रायपुर निवासी रिश्तेदार द्वारा अपने 10 वर्षीय पुत्र को आगे रखकर जो लैंगिक अपराध की लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी वह झूठी थी। शिकायत पर रतनपुर थाने में अपराध क्रमांक 150/ 2023 धारा 376 भादवी के प्रकरण में समझौता कराने हेतु पीड़िता तथा उसके परिजनों पर लगातार दबाव डाला जाना व आर्थिक प्रलोभन दिया जाना तथा समझौता नहीं करने पर आफताब के परिजनों द्वारा प्रायोजित तरीके से पुलिस को ट्रेप करते हुए शिकायत पत्र प्रस्तुत कर अपराध पंजीबद्ध कराया जाना पाया गया। एडिशनल एसपी राहुल शर्मा की जांच टीम को इसकी पुष्टि हुई। जांच में गवाहों व घटनाक्रम के परीक्षण के बाद की जांच में ऐसे कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले जिसमें घटना का ना होना पाया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट अदालत में पेश होने पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने पीड़िता की मां को जमानत दे दी थी।
एडिशनल एसपी की जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि आफताब मोहम्मद की रिश्तेदार के द्वारा रतनपुर के अलावा रायपुर जिले के राखी थाने में भी इसी प्रकार की झूठी आवेदन पत्र प्रस्तुत कर झूठा एफआईआर दर्ज करवाने का असफल प्रयास किया गया था। उक्त बातें एसपी संतोष सिंह के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस झूठे मामले की खारिजी प्रस्तुत करने के निर्देश जांच कमेटी के चेयरमैन राहुल शर्मा को दिए थे। जिसके बाद 9 जून को खारिज चाक कर आज 12 जून को खारिजी स्वीकृत करवाने के लिए न्यायालय में मामला पेश किया गया है। इससे पूर्व एसपी के निर्देश पर रतनपुर थाने में समझौते के लिए प्रलोभन देने व धमकाने के मामले में भी आफताब मोहम्मद के रिश्तेदारों को पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में एसपी संतोष सिंह ने बताया कि पुलिस को अंधेरे में रखते हुए लैंगिक अपराध जैसे सेंसेटिव मामले में झूठा एफआईआर दर्ज करवाना बहुत ही संगीन मामला है। इस मामले में पुलिस को ट्रैप कर झुठी एफआईआर करवाने वाले और झूठी एफआईआर करने में जो भी पुलिसकर्मी जानबूझकर शामिल होगा उसके खिलाफ भी आगामी दिनों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।