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Bilaspur News: कलेक्टर सख्‍त: 15 दिन से पुराना सीमांकन का मामला जनदर्शन में आया तो पटवारी होंगे निलंबित

Bilaspur News: बिलासपुर जिले में सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा को देखते हुते कलेक्टर अवनीश शरण एक्शन के नजर आ रहे है। पटवारियों और उप पंजीयक पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कलेक्टर ने दोटूक कहा कि 15 दिन से पुराना सीमांकन का मामला जनदर्शन में आया तो पटवारी निलंबित होंगे। अब से उप पंजीयक भी राजस्व अधिकारियों की बैठक में रहेंगे मौजूद।

Bilaspur News: कलेक्टर सख्‍त: 15 दिन से पुराना सीमांकन का मामला जनदर्शन में आया तो पटवारी होंगे निलंबित
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण नेराजस्व विभाग के कामकाज की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि निराकरण की प्रगति राज्य स्तर पर प्रथम पांच में होने चाहिए। अगली राजस्व बैठक में उप पंजीयक और जिला पंजीयक को भी बुलाने को भी तलब किया है। कलेक्टर ने एक एक अधिकारी वार मामलों के निराकरण की जानकारी ली। उन्होंने कार्यसूची में शामिल हर योजना की गहराई से समीक्षा की। उन्होंने हर सप्ताह में निपटाए गए मामलों का विवरण भू अभिलेख शाखा में जमा करने को कहा है। खासकर नक्सा बटांकन, त्रुटि सुधार और भू अर्जन का विशेष उल्लेख हो।

इनमें कमजोर प्रदर्शन करने वाले 5 अधिकारियों को अपने एसडीएम के साथ शनिवार को पृथक से बैठक ली जाएगी। अगले राजस्व अफसरों की बैठक में उप पंजीयक भी शामिल होंगे। भूमि पंजीयन के बाद तत्काल इसकी सूचना तहसीलदारों तक ऑनलाइन नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण नामांतरण में अनावश्यक विलंब हो रहा है।

जनदर्शन में इनकी संख्या ज्यादा क्यों

जनदर्शन में सीमांकन को लेकर बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का कारण पूछा। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि कोई 15 दिवस से ज्यादा पुराने ज्ञापन लेकर पहुंचा तो संबंधित पटवारी को निलंबन की सजा दी जायेगी। तहसीदार को भी जवाब देना होगा।

पटवारियों को दी हिदायत

कलेक्टर ने कहा कि पटवारी के मुख्यालय में रहने का दिन फिक्स हो और अनिवार्य रूप से लोगों से मिलें। ग्राम पंचायत और कार्यालय में इस आशय की सूचना भी दीवार लेखन में किया जाना चाहिए। समय सीमा से बाहर के प्रकरणों में विलंब का स्पष्ट कारण भी दर्ज किया जाना चाहिए। भू अर्जन के संबंध में राज्य शासन के नए निर्देशों से अवगत कराया गया और इसे ध्यान में रखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने ऐप के जरिए गिरदावरी के तथ्यों सत्यापन करने को कहा। पटवारी, तहसील, जिला स्तर और राज्य स्तर से रैंडम आधार पर कुछ खसरा नंबर की जांच करने कहा। ये देखा जाए कि गिरदावरी में जो दर्ज है, वही और उतने रकबे में फसल लगी है कि नहीं। धान खरीदी की तैयारी की भी उन्होंने जानकारी ली।

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