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चुनौतियों से हौसले की जंग: राहुल को बचाने चार दिन से रेक्स्यू टीम ने झोंकी ताकत, पल-पल नई चुनौतियों से हो रहा सामना

रेस्क्यू टीम के सदस्य तीन रातों से सोए नहीं हैं। जो कपड़ा पहनकर पहुंचे थे, उसी में ही डटे हुए हैं।

चुनौतियों से हौसले की जंग: राहुल को बचाने चार दिन से रेक्स्यू टीम ने झोंकी ताकत, पल-पल नई चुनौतियों से हो रहा सामना
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By NPG News

जांजगीर, 13 जून 2022। राहुल साहू को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ के अब तक के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन और पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। तीन रातों से रेस्क्यू में लगे अधिकारी-कर्मचारी और जवान सोए नहीं हैं। रेस्क्यू टीम के सदस्य जिन कपड़ों में पहुंचे थे, उसी में गर्मी-पसीने और धूल से सने होने के बावजूद डटे हुए हैं।

जांजगीर-चांपा के मालखरौदा ब्लॉक के गांव पिहरीद में बोरवेल में फंसे बालक राहुल साहू के रेस्क्यू अॉपरेशन में एक के बाद एक नई-नई बाधाएं आ रही हैं। इसके बावजूद हर चुनौती को पार करते हुए टीम 60 फीट नीचे बोरवेल के सामानांतर खोदे गए गड्ढे में सुरंग तैयार करती हुई धीरे-धीरे राहुल के करीब बढ़ रही है। इस कठिन अॉपरेशन में राहुल का हौसला और रेस्क्यू टीम का संयम अॉपरेशन को ताकत दे रहा है।


पिहरीद में चार दिन पहले एक बालक के बोरवेल में गिरकर फंसे होने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था। पुलिस, पीडब्लूडी, विद्युत, चिकित्सा, राजस्व सहित सभी विभागों का प्रशासनिक अमला इस काम में झोंक दिया गया। मौके के हालात और राहुल की अवस्था को देखते हुए सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी बुला ली गईं। बाद में एसईसीएल की टीम और खनन कार्य के अन्य विशेषज्ञों को भी रेस्क्यू के लिए उतार दिया गया। रस्सी के सहारे रेस्क्यू की कोशिशें नाकाम होने के बाद गुजरात से रोबोट विशेषज्ञ को बुलाया गया, लेकिन राहुल की मानसिक अवस्था और बोर के भीतर की चट्टानों के कारण यह कोशिश भी सफल नहीं हो पाई।

इस बीच मौसम का बदलाव भी चिंता बढ़ाता रहा। बोरवेल के भीतर बढ़ते जल स्तर ने नया खतरा निर्मित कर दिया। इससे निपटने के लिए गांव के सभी बोरवेल को चौबीसों घंटे चालू रखने के निर्देश दिए गए। समय बीतने के साथ राहुल के स्वास्थ्य की बढ़ती चिंता को देखते हुए मेडिकल टीमों को सभी आपात सुविधाओं के साथ तैनात किया गया। बोरवेल के समानांतर गड्ढे में मिट्टी और पत्थर दोनों की अधिकता की वजह से 60 फीट की गहराई में खोदी जाने वाली पतली सुरंग के धसकने के खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों ने सुरंग में लोहे की पाइप डालकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। जब सुरंग तैयार होने लगी तो रास्ते मे आ रहे पत्थर और कड़ी चट्टानें बाधा बन गईं।

बिलासपुर से बड़ी ड्रिल मशीनें मंगाई गईं। इसी दौरान चट्टानों और पत्थरों की दरारों में सांप-बिच्छुओं की आशंका ने नई चुनौती निर्मित कर दी। प्रशासन ने इसके लिए सर्प विशेषज्ञों की तैनाती कर दी और एंटी-वेनम की व्यवस्था भी मौके पर ही कर दी गई। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक रेस्क्यू टीम संयम और सफलता के साथ धीरे-धीरे राहुल के करीब बढ़ रही है। राहुल का हौसला भी बरकरार है।

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