Begin typing your search above and press return to search.

बड़ी खबरः वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम आज पार्टी से देंगे इस्तीफा! इंदिरा और राव मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके नेताम पहले भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं

बड़ी खबरः वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम आज पार्टी से देंगे इस्तीफा! इंदिरा और राव मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके नेताम पहले भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं
X
By yogeshwari varma

रायपुर। प्रदेश के बड़े कद्दावर आदिवासी नेताओं में शामिल अरविंद नेताम के आज विश्व आदिवासी दिवस पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की खबरें आ रही हैं। पता चला है, कांग्रेस को छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। बस्‍तर में कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने में नेताम की भूमिका महत्‍वपूर्ण मानी जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पीवी नरसिम्‍ह राव के मंत्रिमंडल में नेताम मंत्री रह चुके हैं, लेकिन फिर अब उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया है। नेताम ने नई राजनीतिक पार्टी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नेताम के अनुसार पार्टी के पंजीयन के लिए आवेदन कर दिया गया है।

जानिए क्‍यों कांग्रेस से नाराज हैं नेताम

npg.news से बातचीत में नेताम ने कहा कि उन्‍होंने नई पार्टी के लिए चुनाव आयोग में आवेदन कर दिया है। कांग्रेस पार्टी से नाराजगी की वजह से पूछे जाने पर नेताम ने कहा कि कोई एक वजह हो तो बताऊ, यहां तो कई कारण है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकार को संविधान के हिसाब से काम करना चाहिए, लेकिन यहां सब काम उल्‍टा हो रहा है।

पिछले कुछ महीनों से बढ़ी है सक्रियता

पिछले कुछ महीने से नेताम ने सक्रियता बढ़ा दी है। इसी महीने उन्‍होंने राजनांदगांव और दुर्ग में प्रेसवार्ता लेकर सरकार पर आदिवासियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। दुर्ग की प्रेसवार्ता में तो उन्‍होंने कांग्रेस की विचारधारा पर ही प्रश्‍न खड़ा कर दिया था। नेताम ने कहा था कि कांग्रेस अब साफ्ट हिंदुत्‍व की ओर बढ रही है। नंद कुमार साय का कांग्रेस प्रवेश इसका बड़ा उदाहरण है। नेताम बस्‍तर में धर्मांतरण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आदिवासी बड़ी संख्‍या में धर्मांतरण कर रहे हैं। राज्‍य और केंद्र सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए।

जानिए क्‍या है नेताम की आगे की रणनीति

नेताम के करीबियों के अनुसार नई पार्टी के गठन के साथ ही राज्‍य की दूसरी पार्टियां जिनमें मुख्‍य रुप से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोगंपा) व छत्‍तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (छमुमो) जैसी पार्टियां हैं उनके साथ गठबंधन करने का इरादा है। नेताम की नजर राज्‍य आदिवासी आरक्षित 29 सीटों और आदिवासी बाहुल अन्‍य सीटों पर है।

दो बार केंद्र में रहे मंत्री

नेताम केंद्र में दो बार मंत्री रह चुके हैं। पहली बार उन्‍हें इंदिरा गांधी की सरकार में शिक्षा और समाज कल्‍याण राज्‍य मंत्री बनाया गया। नेताम 1973 से 1977 तक मंत्री रहे। इसके बाद 1993 से 1996 तक पीवी नरसिम्‍ह राव की सरकार में वे कृषि राज्‍य मंत्री रहे। बस्‍तर में कांग्रेस को खड़ा करने में नेताम की भूमिका महत्‍वपूर्ण मानी जाती है।

जानिए अब तक कितनी बार नेताम ने किया है दलबदल

नेताम इससे पहले भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। अविभाजित मध्‍य प्रदेश में 1996 में बस्तर में हुए मालिक मकबूजा कांड के दौरान तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री दिग्‍विजय सिंह से अनबन के बाद नेताम ने कांग्रेस छोड़ दिया था। इसके बाद कुछ समय के लिए फिर उनकी कांग्रेस में वापसी हुई थी। 2012 के राष्‍ट्रपति चुनाव में पार्टी लाइन से अलग जाकर पीए संगमा को वोट देने के कारण उन्‍हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद वे बहुजन समाज पार्टी में चले गए, लेकिन वहां भी ज्‍यादा दिन नहीं रह पाए। इसके बाद नेताम ने भाजपा का दामन थाम लिया। बाद में राकांपा भी शामिल हुए।

राहुल गांधी के सामने किया था कांग्रेस प्रवेश

वर्ष 2018 में नेताम ने फिर से कांग्रेस में वापसी की। राहुल गांधी ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नेताम का माला पहनाकर स्‍वागत किया। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नेताम कांग्रेस के लिए सक्रिय रहे।

पहले भी बना चुके हैं अलग पार्टी

नेताम इससे पहले भी 2017 में अलग राजनीतिक पार्टी बना चुके हैं। तब पार्टी का नाम जय छत्‍तीसगढ़ पार्टी रखा था। इस पार्टी का गठन उन्‍होंने भाजपा के पूर्व सांसद सोहन पोटाई के साथ मिलकर किया था।

Next Story