ASI मर्डर मामले में थानेदार लाइन अटैच,स्पेशल टीम के हाथ भी नहीं लगा कोई सुराग, IG भी पहुंचे थे मौके पर
कोरबा। बांगो थाना में पदस्थ एएसआई की थाना परिसर के बैरक में घुसकर हत्या के मामले में 48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। आईजी बद्रीनारायण मीणा बीती रात खुद बांगो थाना पहुंचे और उन्होंने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
9-10 मार्च की सुबह 6 बजे बांगो थाना में पदस्थ एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की लाश पुलिस बैरक में मिली थी। थाने से 60 से 70 मीटर की दूरी पर ही चार पुलिस बैरक स्थित है। एक बैरक में एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार रहते थे जबकि तीन में अन्य पुलिस वाले रहते थे। घटना की रात कुछ पुलिसकर्मी छुट्टी में तो कुछ ड्यूटी पर थे। चारों बैरक में सिर्फ अकेले नरेंद्र सिंह परिहार ही थे। 9 मार्च की रात उन्होंने 12 बजे तक के थाने में काम किया।इस दौरान शिकायतकर्ताओं की दो एफआईआर भी उन्होंने दर्ज की। 12 से 12:30 के बीच में सोने के लिए वे बैरक में चले गए। 10 मार्च की तड़के सुबह 6 बजे जब थाने की पेट्रोलिंग पार्टी वहां से गुजरी तो उन्हें बैरक का दरवाजा टूटा हुआ मिला। अंदर जाकर देखने पर एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार खून से लथपथ पड़े थे। उनके सर के पिछले हिस्से में व शरीर के अन्य हिस्सों में कई चोंटे थी। प्रथम दृष्टया लग रहा था कि धारदार हथियार से उन पर हमला हुआ है। मामले की सूचना मिलने पर जिले के एसपी उदय किरण, एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा, कटघोरा एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी समेत पूरा पुलिस अमला घटनास्थल पहुंच गया था।
घटना से नाराज एसपी उदय किरण ने बांगो थाना प्रभारी नवीन देवांगन को लाइन अटैच कर दिया इसके बाद जिले के पुलिस अधिकारियों व थानेदारों की क्राइम मीटिंग लेते हुए व्यापक फेरबदल कर 9 थाना प्रभारियों व पुलिसकर्मियों के प्रभार में फेरबदल किया था। मामले की जांच व आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अपने मार्गदर्शन में एसपी उदय किरण ने कटघोरा एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी, बांगो थाना प्रभारी अभय वैश्य, कटघोरा थाना प्रभारी अश्वनी राठौर, साइबर सेल प्रभारी सनत सोनवानी के नेतृत्व में 2 दर्जन से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम बनाई है। जिसमें साइबर सेल व फॉरेंसिक एक्सपर्ट के अलावा खोजी डाग बाघा को भी शामिल किया गया है। जांच का सुपरविजन एसपी यू उदय किरण खुद कर रहे हैं। पर बावजूद उसके अब तक आरोपियों का कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है।
हत्याकांड को 48 घंटे से अधिक बीत चुके हैं पर पुलिस के पास कोई ठोस साक्ष्य या जानकारी अब तक हाथ नहीं आई है। कुछ संदेहियों से पूछताछ कर रही पुलिस अब तक हवा में ही हाथ पैर मार रही है। बीती रात शनिवार को रेंज के आईजी बद्रीनारायण मीणा खुद ही बांगो थाने पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए अब तक की गई जांच की जानकारी ले कर जल्द से जल्द आरोपियों की पता तलाश के निर्देश दिए हैं। बांगो थाना पहुंचे आईजी ने पुलिस अधिकारियों व जांच टीम में शामिल सदस्यों की मीटिंग भी ली है। और उन्होंने जांच की उचित दिशा हेतु विशेष निर्देश देते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने के आदेश जिले के अधिकारियों को दिए है।
मृतक एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार बिलासपुर जिले के कोटा थाना क्षेत्र के गोबरीपाट गांव के रहने वाले थे। अविभाजित बिलासपुर जिले से उन्होंने आरक्षक के पद पर ज्वाइन कर नौकरी शुरू की थी। 30 साल पहले भी वह बांगो थाना में बतौर आरक्षक सेवा दे चुके हैं। कोरबा जिला बनने के बाद उन्होंने कोरबा जिले में ही सेवा देने का विकल्प चुना। उनके दो बच्चे हैं। उनकी पत्नी और बच्चे दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई कॉलोनी में रहते हैं। दो-तीन दिनों के अंतराल में एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार परिवार के पास आना-जाना करते थे। पिछले साल ही उनका एएसआई के पद पर प्रमोशन हुआ है, और तीन-चार माह पहले ही वह बांगो थाना में पदस्थ हुए थे।
घटनास्थल के निरीक्षण में बैरक के दरवाजे को टंगिया से तोड़ने के निशान मिले हैं। पुलिस का खोजी डाग बाघा घटनास्थल को सूंघने के पश्चात कोनकोना मार्ग तिराहा व पानी टंकी के बीच मंडराता रहा। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरोपी कोनकोना होते हुए अंबिकापुर की तरह भाग गए होंगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने हत्या का अपराध 302 व धारा 458 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। जिस तरह से थाना के पास ही दरवाजा तोड़ अंदर घुस पुलिसकर्मी की हत्या की गई उससे हत्याकांड उन फिल्मों के दृश्य से कम नहीं लग रहा है, जिसमें कार्यवाही करने से नाराज बदमाश पुलिस वालों की हत्या कर देता है।
पुलिस ने अपने जांच के बिंदुओं में उन मामलों को भी शामिल किया है जिसकी विवेचना वर्तमान में एएसआई परिहार कर रहे थे या पूर्व में कर चुके थे। होलिका दहन की रात एएसआई ने बिना अनुमति डीजे बजा रहे लोगों का डीजे जप्त किया था। इसके अलावा कोंडागांव के कुछ युवकों को कोरबा के एक मामले में एएसआई परिहार ने 2 माह पहले पकड़ कर जेल दाखिल किया था। यह आरोपी किसी कांग्रेसी नेता के परिचित थे जिसने उन्हें छुड़ाने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने इन युवकों से भी पूछताछ की है। बहरहाल कोई ठोस जानकारी पुलिस के हाथ अब तक नहीं लग पायी है।