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चिटफंड कंपनियों के 774 डायरेक्टर गिरफ्तार, CM ने बाकी को भी तत्काल पकड़ने के निर्देश दिए, संपत्तियों की पहचान कर कुर्क करने कहा

चिटफंड कंपनियों के 774 डायरेक्टर गिरफ्तार, CM ने बाकी को भी तत्काल पकड़ने के निर्देश दिए, संपत्तियों की पहचान कर कुर्क करने कहा
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By NPG News

रायपुर, 22 अक्टूबर 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल IG-SP कांफ्रेंस के दौरान जब चिटफंड कंपनियों द्वारा की गई ठगी की समीक्षा कर रहे थे, तब अधिकारियों ने बताया कि अब तक 774 डायरेक्टर और पदाधिकारी गिरफ़्तार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने फ़रार डायरेक्टर और पदाधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसपी को इसके लिए समय-सीमा तय कर कार्रवाई करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर और एसपी आपसी समन्वय कर चिटफंड कंपनियों की अन्य सम्पत्तियों को चिह्नांकित कर तत्काल कुर्क करने की कार्रवाई करें। कांफ्रेंस में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी, गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया उपस्थित रहीं।

हुक्का बार पूरी तरह प्रतिबंधित हों, सख्ती से रोकें नशे का कारोबार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हुक्का बार पूरी तरह प्रतिबंधित हों। प्रदेश में नशे के कारोबार को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करें। दूसरे राज्यों से आ रहे नशीले पदार्थ छत्तीसगढ़ में नहीं घुसने चाहिए। गांजे की एक पत्ती भी दूसरे राज्य से छत्तीसगढ़ में नहीं घुसने देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों से कहा कि छोटी-छोटी घटनाओं को सांप्रदायिक और अराजक तत्व बड़ा रूप देने की चेष्टा कर रहे हैं। सभी पुलिस अधीक्षक उन्हें पहचानें, अपना आसूचना तंत्र विकसित करें क्योंकि ऐसी घटनाओं का सीधा असर प्रदेश की शांति व्यवस्था और सरकार की छवि पर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि - हर स्तर पर, थाना, अनुविभाग, ज़िला और रेंज लेवल पर सूचना तंत्र विकसित करें। पुलिस अधीक्षक हर ज़िले में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की स्पेशल टीम बनाएँ जो सोशल मीडिया में अफ़वाह फैलाने वालों का चिन्हांकन कर कार्रवाई करें। छोटी घटनाओं का राजनीतिक लाभ लेने अवसरवादी तत्व अफ़वाह, दुष्प्रचार और भ्रामक समाचार फैलाते हैं, उनकी पहचान कर कार्रवाई करना ज़रूरी है। सोशल मीडिया अफ़वाह फैलाने का सबसे बड़ा साधन बन गया है। सोशल मीडिया में भी एक सुदृढ़ आसूचना तंत्र विकसित करना ज़रूरी है।

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