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CG-स्कूलों की बड़ी खबरः बोर्ड परीक्षाओं की तरह होगा अब लोकल परीक्षाओं का मूल्यांकन, 90 फीसदी छात्रों के हाईफाई अंक के साथ पास होने पर डीपीआई ने की सख्ती, फिर से एग्जाम कराया और अब ये दिया आदेश

CG-स्कूलों की बड़ी खबरः बोर्ड परीक्षाओं की तरह होगा अब लोकल परीक्षाओं का मूल्यांकन, 90 फीसदी छात्रों के हाईफाई अंक के साथ पास होने पर डीपीआई ने की सख्ती, फिर से एग्जाम कराया और अब ये दिया आदेश
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By NPG News

रायपुर, 30 सितंबर 2021। लॉक डाउन के कारण लगातार 19 माह तक स्कूल बंद रहे पर तब भी बिना स्कूल जाएं बच्चों का बौद्धिक स्तर ईतना ऊँचा उठ गया कि शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लेने वाले 90 परसेंट से अधिक छात्रों ने बहुत अधिक नम्बरो से परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। जी हाँ! ये हम नही कह रहे बल्कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के बेस लाईन परीक्षा का परिणाम कह रहा हैं, जिसको विश्वसनीय न मानते हुए डीपीआई ने पूरे प्रदेश भर में दुबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश देकर दुबारा परीक्षा आयोजित करवाई हैं, खास बात यह हैं कि इस बार हुए परीक्षा में कोई भी स्कूल टीचर अपने स्कूल के बच्चो के परीक्षा परिणाम न जाँच कर संकुल में जा कर दूसरे स्कूल के बच्चो के परीक्षा परिणाम जाँचेंगे। पूरे प्रदेश में परीक्षा दिलाने वाले बच्चो को संख्या लाखों में हैं।

कोरोना कारण मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह से स्कूल कोरोना के चलते लगातार बन्द हैं, उसके बाद ऑनलाईन क्लासेस के माध्यम से कक्षाओ का संचालन किया जा रहा हैं, परीक्षाओं में भी या तो जनरल प्रमोशन या फिर ऐसाइन्मेंट के नम्बरो के आधार पर और ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से रिजल्ट दे कर पास किया जा रहा था।ऐसे में नियमित व परम्परागत पढ़ाई के अभाव के चलते छात्रों के बौद्धिक स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका से कोरोना के लहर को कमजोर पड़ने पर इस वर्ष अगस्त माह से स्कूल खोले गए हैं, जहां छात्रों को रोटेशन के आधार पर 50 प्रतिशत छात्रों कि उपस्थिति में कक्षाओ का संचालन किया जा रहा हैं। एक माह स्कूल चलने के बाद सितम्बर के प्रथम सप्ताह में 4 सितम्बर से 6 दिनो तक ऑफलाइन मोड़ में कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों का बेस लाईन परीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमे परीक्षा के परिणामो की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल में प्रविष्टि की गई। ऑनलाइन पोर्टल में हुई प्रविष्टि का अवलोकन जब डीपीआई के द्वारा किया गया तो उन्होंने पाया कि जितने भी छात्रों ने परीक्षा दिलाई हैं, वो उच्चतर नम्बरो से पास हो गए हैं। इसको देखते हुए डीपीआई ने इस परिणाम को तर्कसंगत व विश्वसनीय न मानते हुए दुबारा परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए हैं। डीपीआई के अनुसार छात्र अपने प्रारम्भिक कक्षा स्तर पर है लिहाजा इतने नम्बर प्राप्त करना तर्कसंगत नही है। डीपीआई ने यह भी स्प्ष्ट किया कि सितम्बर के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाली परीक्षा में राज्य भर से केवल 32.5 फीसदी बच्चो का ही आकलन हो पाया हैं। और आकलन की इस प्रक्रिया में लगभग 50 फीसदी शिक्षकों ने ही डाटा प्रविष्ट किया हैं। लिहाजा, डीपीआई ने दुबारा 25 से 29 सितम्बर तक दुबारा परीक्षा आयोजित करवाई हैं।

क्या है बेस लाईन परीक्षाः-
स्कूल शिक्षा विभाग एक शिक्षा सत्र में तीन बार परीक्षाओ का आयोजन करता हैं। सर्वप्रथम बेस लाइन(तिमाही) परीक्षा। मिड लाइन(अर्धवार्षिक)परीक्षा। और एण्डलाईन(वार्षिक) परीक्षा का आयोजन करता है।तीनो परीक्षाओं के नम्बरो के आधार पर छात्र के अंतिम परीक्षा परिणाम जारी किए जाते हैं।इसमे खास बात यह है की यदि छात्र एक परीक्षा में किसी कारणवश अच्छे नम्बर न ला पाए तो अगली परीक्षा में इसे कवर कर सकते हैं, और छात्रों पर बर्डन भी नही पड़ता हैं।

ब्लेक बोर्ड में प्रश्न लिख कर परीक्षा
दो साल बाद परम्परागत तरीके से परीक्षा हॉल में हुई परीक्षा के लिए रायपुर से पूरे प्रदेश में प्रश्न भेजे गए थे जिसे ब्लैक बोर्ड में लिख कर विद्यार्थियों की परीक्षा ली गई थी। 50 नम्बरो की हुई परीक्षा में वर्तमान के साथ ही पूर्व के कक्षाओ के प्रश्न भी पूछे गए थे। अभी हुई परीक्षाओं में नए प्रश्न पत्र न भेज कर पुराने प्रश्नों के आधार पर ही परीक्षा लेने के निर्देश थे।

ब्रिज कोर्स भी किया गया सिलेबस में
विगत डेढ़ वर्षो से स्कूल नही खुलने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई हैं इसलिए बच्चो का बेसिक मजबूत करने के लिए इस बार सिलेबस में बच्चे जिस क्लास में है उस क्लास की सिलेबस के साथ ही उससे निचली कक्षाओ के सिलेबस को भी ब्रिज कोर्स के माध्यम से रिवाइज करवाया गया हैं। ब्रिज कोर्स के लिए मटेरियल भी शिक्षा विभाग के द्वारा ही उपलब्ध करवाया गया था एवं उसके प्रश्न भी बेस लाइन परीक्षा में शामिल किए गए थे।

बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर मूल्यांकन
परीक्षा के बाद शिक्षक अपने स्कूल के बच्चो की उत्तरपुस्तिका खुद चेक नही कर सकेंगे बल्कि बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर संकुल केंद्रों में जा कर करेंगे। इसमे संकुल समन्वयक एक विद्यालय के उत्तरपुस्तिकाओं की जांच दूसरे विद्यालय के शिक्षकों से करवाएंगे। इसके लिए 30 सितम्बर को 1,2,3,तथा 6 के बच्चो का एवम 1 अक्टूबर को 4, 5, 7, 6 के बच्चो की उत्तरपुस्तिकाओ की जांच की तिथि तय की गई हैं। इसमे अभी 4 से 9 सितम्बर तक परीक्षा दिला चुके छात्रों ने भी दुबारा परीक्षा दिलाई हैं।

व्यवहारिक दिक्कतें भी
दुबारा बेस लाइन परीक्षा लेने में काफी व्यावहारिक दिक्कते भी थी। क्योकि परीक्षा में प्रदेश के लाखों विद्यार्थीयो की परीक्षा आयोजित की गई थी और इतनी बडी संख्या में दुबारा सभी प्रक्रियाओं को दुहराना पड़ रहा हैं। सबसे पहले तो प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाने की जगह ब्लैक बोर्ड पर प्रश्नों को लिख कर परीक्षा आयोजित की जाती हैं पर ब्लैक बोर्डो का साइज इतना बड़ा नही होता कि सारे प्रश्न एक साथ ही बोर्ड में आ जाएं और जब तक सभी छात्रों ने सारे प्रश्नों को हल न कर लिया हो तब तक के प्रश्न मिटा कर आगे के प्रश्न नही लिख सकते पर समस्या यह हैं कि हर छात्र के प्रश्नों को हल करने की गति एक ही नही होती तो एसे में जिन्होंने प्रश्न हल कर लिया है या तो उन छात्रों को अन्य छात्रों के प्रश्न हल करने तक के इंतजार करना पड़ता हैं या फिर जो छात्र प्रश्न हल नही कर पाए हैं उन्हें कुछ प्रश्नों को छोड़ कर आगे के प्रश्न हल करने की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। शिफ्ट शिफ्ट में में संकुल केंद्रों में जा कर उत्तरपुस्तिकाओ का मूल्यांकन करना हैं, इसके अलावा ऑनलाइन डाटा एंट्री की ट्रेनिंग के अलावा संकुल केंद्रों में जा कर नम्बरां की डाटा एंट्री भी करनी है,जिससे शिक्षकीय कार्य प्रभावित हो रहे।

अनुशासात्मक कार्यवाही
डीपीआई ने अपने आदेश में स्प्ष्ट किया है कि जिस संकुल के 95 प्रतिशत से कम बच्चो की प्रवृष्टि होगी उस संकुल के प्रभारी व संकुल समन्वयक पर अनुशासात्मक कार्यवाही भी होगी।

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