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शिक्षकों की बिग ब्रेकिंग खबर : संविलियन से पहले की सेवा से संबंधित लाभ मांग रहे शिक्षकों को बड़ा झटका…शिक्षा विभाग की दो टूक- संविलियन की तिथि से ही मिलेंगे सारे लाभ…. पुरानी पेंशन की मांग सिरे से खारिज… पुराने लाभ से जुड़े सभी आवेदन अमान्य

शिक्षकों की बिग ब्रेकिंग खबर : संविलियन से पहले की सेवा से संबंधित लाभ मांग रहे शिक्षकों को बड़ा झटका…शिक्षा विभाग की दो टूक- संविलियन की तिथि से ही मिलेंगे सारे लाभ…. पुरानी पेंशन की मांग सिरे से खारिज… पुराने लाभ से जुड़े सभी आवेदन अमान्य
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By NPG News

रायपुर 16 फरवरी 2021। स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद पुरानी सेवा की गणना और तत्कालिक लाभ को लेकर न्यायालय पहुंचने वाले शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आपकी सेवा उसी दिन से मानी जाएगी जिस दिन से स्कूल शिक्षा विभाग में आपका शासकीयकरण हुआ है उससे पहले की जो सेवा आपके द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग को दी गई है उसे संविलियन करते समय नहीं माना गया है और आप 1 जुलाई 2018 या उसके बाद से ही शासकीय कर्मचारी हैं । स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव जनक कुमार द्वारा जारी किए गए इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि विभाग द्वारा शिक्षकों का संविलियन 1 जुलाई 2018 स्कूल शिक्षा विभाग में हुआ है इसलिए समस्त लाभ उसी तिथि से गणना करके दिया जाएगा तथा पूर्व की सेवा अवधि के लिए किसी भी प्रकार की एरियर्स की प्राप्ति नहीं होगी ।

इस मामले में शिक्षा विभाग का विस्तृत आदेश पढियेयहां क्लिक कीजिये

दरअसल संविलियन पाने के बाद राजकुमार कुर्रे एवं 4 अन्य शिक्षकों के द्वारा अपनी सेवा को 2004 के पूर्व का बताकर पुरानी पेंशन की मांग को लेकर न्यायालय में मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें अपने नियोक्ता के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने को कहा था ऐसे मामलों को सामने आता देखकर स्कूल शिक्षा विभाग ने एक स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है और इस प्रकार के समस्त अभ्यावेदनों को एक सिरे से खारिज कर दिया है।

इस खबर में शिक्षा विभाग से जुड़े विस्तृत आदेश के पढ़िये, लिंक को क्लिक कीजिये

दरअसल संविलियन पाने के बाद अब शिक्षक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं और अपनी पुरानी सेवा की गणना से संबंधित मामलों को लेकर उनका दावा हो रहा है, इसी संबंध में अब विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किया है ताकि जिस भी जिले से मामला दर्ज हो वहां के संबंधित अधिकारी न्यायालय में इस आदेश को प्रस्तुत करते हुए अपना पक्ष रख सकें और भविष्य में ऐसी कोई स्थिति बने ही न, साथ ही जो आवेदन शिक्षकों के द्वारा अब विभाग को दिए जाएंगे वह भी इसी आदेश के आधार पर सीधे तौर पर अमान्य किए जाने की तैयारी है ।

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