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बिग ब्रेकिंग: हॉकी में भारत ने 41 साल बाद जीता पदक, जर्मनी को 4 के मुकाबले 5 गोल से हराया

बिग ब्रेकिंग: हॉकी में भारत ने 41 साल बाद जीता पदक, जर्मनी को 4 के मुकाबले 5 गोल से हराया
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By NPG News

टोक्यो, 5 अगस्त 2021। पुरुष हॉकी में भारत ने 41 साल का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक जीत ली है। जबरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत ने जर्मनी को 4 के मुकाबले 5 गोल से हरा दिया। दूसरे क्वार्टर में 3-1 से पिछड़ने के भारत ने जबरदस्त वापसी की और लगातार 4 गोल दागे। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें, हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में गोल किया। दूसरे क्वार्टर में 3-1 से पिछड़ने के भारत ने जबरदस्त वापसी की और लगातार 4 गोल दागे। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें, हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में गोल किया। हालांकि चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने एक और गोल दागा और स्कोर 5-4 कर दिया। पहला क्वार्टर में जर्मनी हावी रहा। उसने अटैकिंग हॉकी खेली। जर्मन टीम ने मैच के पहले ही मिनट में गोल कर बढ़त बना ली थी। तिमुर ओरूज ने फील्ड गोल किया। पहले क्वार्टर के खत्म होने के ठीक पहले उसे पेनल्टी कॉर्नर मिले। भारत ने इस पर शानदार बचाव किया और जर्मनी की बढ़त को 1-0 तक ही रखा। भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने लगातार 2 अच्छे सेव किए। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में टीम इंडिया ने वापसी की और सिमरनजीत सिंह ने 17वें मिनट में गोल दागकर 1-1 से स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद जर्मनी के वेलेन ने एक और गोल दागा और टीम 2-1 से आगे हो गई। इसके बाद 25वें मिनट में फर्क ने 25वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-1 कर दिया। फिर भारत के हार्दिक सिंह ने 27वें और हरमनप्रीत सिंह ने 29वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। हाफटाइम तक यही स्कोर रहा। वहीं हाफ टाइम के बाद 31वें मिनट में रविंद्र पाल ने पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को 4-3 से बढ़त दिलाई। उसके ठीक 3 मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने गोल कर लीड को 5-3 कर दिया। जर्मनी की ओर से ओरुज ने दूसरे मिनट में, वेलेन ने 24वें मिनट में, फुर्क ने 25वें मिनट में और विंडफेडर ने 48वें मिनट में गोल किया। भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक 1980 में फाइनल में जगह बनाई थी और तब टीम ने अपने आठ गोल्ड मेडल में से आखिरी गोल्ड जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम तइस ओलिंपिक से पहले तक कभी अंतिम 4 में भी जगह नहीं बना पाई थी।

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