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बिग ब्रेकिंग : IAS अनिल टूटेजा व आलोक शुक्ला को मिली अग्रिम जमानत…. ED केस मामले में दोनों अफसरों को मिली राहत….. 2015 में केस किया गया था रजिस्टर्ड

बिग ब्रेकिंग : IAS अनिल टूटेजा व आलोक शुक्ला को मिली अग्रिम जमानत…. ED केस मामले में दोनों अफसरों को मिली राहत….. 2015 में केस किया गया था रजिस्टर्ड
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By NPG News

रायपुर 14 अगस्त 2020। IAS अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला को ED मामले में बड़ी राहत मिल गयी है। हाईकोर्ट ने दोनों सीनियर IAS अफसर को अग्रिम जमानत दे दी है। ये पूरा मामला 2015 के ED की तरफ से रजिस्टर्ड केस से जुडा है, हालांकि इससे पहले ACB ने भी इसी तरह के प्रकरण में दोनों अफसर के खिलाफ केस रजिस्टर्ड किया था, जिसमें पहले ही दोनों को अग्रिम जमानत मिल चुकी थी।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता अवि सिंह और आयुष भाटिया ने आईएएस अफसरों की तरफ से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा। आज आय़ुष भाटिया हाईकोर्ट में मौजूद थे। दरअसल 2015 में जो केस ED में रजिस्टर किया गया था, तो इस मामले में अधिकांश लोगों को ED ने पूछताछ के लिए रायपुर बुलाया था, जबकि इन दो IAS अफसरों को दिल्ली बुलाया गया था। उस दौरान भी इन आईएएस अफसरों ने कहा था कि इस मामले में उनकी किसी तरह की कोई संलिप्तता नहीं है और ना किसी अन्य ने उनका नाम लिया है। बाद में एक बार फिर से ED ने उन्हें दिल्ली बुलाया था।

दोनों अफसरों ने हाईकोर्ट का रूख किया था। हाईकोर्ट में दोनों अफसरों ने कहा था कि वो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी है। इस मामले में उनका नाम नहीं था, लेकिन बाद में पूरक चालान पेश कर उन दोनों का नाम जोड़ दिया गया। इस मामले में अभी तक किसी भी तरह से उनकी ना तो संलिप्तता साबित हुई है और ना ही किसी ने उनका किसी तरह से नाम लिया है।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जनवरी, 2019 को दर्ज किया गया था जो कि एन्टी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा द्वारा वर्ष 2015 में पंजीकृत अपराध से उत्त्पन्न हुआ है जिसमे नागरिक आपूर्ति निगम के 28 ठिकानों पे छापा मार कर करोड़ो रूपये बरामद किए थे, इस मामले में 28 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जिसमे अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला का नाम नहीं था। लेकिन चुनाव के पहले करीब ढाई साल बीत जाने के बाद राज्य सरकार ने पूरक चलान पेश करते हुए दोनों ही अधिकारी के नाम शामिल किए थे।

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