बिग ब्रेकिंग : स्कूल सहित तमाम विभागों में होगा अब मैन्युल अटेंडेंस…. राज्य सरकार ने सभी विभागों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस पर फिलहाल लगायी रोक….कोरोना वायरस के डर से राज्य सरकार का फैसला
रायपुर 7 मार्च 2020। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का खौफ काफी बढ़ गया है। राज्य सरकार ने अलग-अलग विभागों के लिए जहां एडवाइजरी जारी की है, तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी होली मिलन के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं। इधर सामान्य प्रशासन विभागों ने सभी विभागों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी है।
राज्य सरकार की तरफ से जीएडी ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि 31 मार्च तक किसी भी सरकारी कार्यालयों में बायोमीट्रिक का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। दरअसल ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण इंफेक्टेड व्यक्ति को छुने या टच करने से फैलता है, ऐसे में एक ही बायोमीट्रिक को बार-बार अलग-अलग लोगों के छूने से इसके फैलने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
इधर स्वास्थ्य विभाग ने पत्र जारी कर सभी एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव व कलेक्टरों को ऐहितियात बरतने के निर्देश जारी किये हैं। राज्य सरकार की तरफ से जारी पत्र में स्कूलों के लिए खास गाइडलाइन जारी किया गया है, जिसके तहत स्कूलों में भी खास सावधानी के निर्देश दिये हैं।
CM भूपेश के होली मिलन के सभी कार्यक्रम रद्द…. राज्य सरकार ने सिकरेट्री व कलेक्टरों को लिखा पत्र……जन समारोहों को रद्द करने के निर्देश…. स्कूलों के लिए भी जारी किया गया नया गाइडलाइन
5 मार्च को केंद्र सरकार से मिले पत्र के आधार पर राज्य सरकार ने जन समारोह को भी रद्द करने के निर्देश दिये हैं। पत्र में कहा गया है कि
जहां तक संभव हो ऐसे कोई भी कार्यक्रम जहां कई लोग एकत्रित हों, वहां जन समारोह को स्थगित कर दिया जाये और उसका आयोजन कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म होने के बाद किया जाये।
स्कूलों के लिए जारी गाइडलाइन में कहा गया है…
“समस्त शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के मध्य इसके रोकथाम संबंधी हस्तक्षेप जैसे कि हाथ धोना, श्वसन शिष्टाचार (छींकने और खांसने के समय मुंह में रूमाल रखना, ऊपरी भुजा को ढकने हेतु टिशू पेपर, महीन कागज या शर्ट के आस्तीन का उपयोग, बीमारी की अवस्था में स्कूल ना जाना, सार्वजनिक समारोह में सम्मिलत ना होना) इत्यादी से ना केवल इस बीमारी को फैलने से रोकने या कम करने में उपयोगी साबित होगा, अपितु फ्लू जैसे अनेकों संक्रामक बीमारियों के रोकथाम में में विशेष रुप से सार्थक होगा, उक्त माध्यम से जागरूक हुए युवाओं द्वारा अपने परिवार समुदाय इत्यादी को जागरूक किया जा सकेगा”