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Loan Apps पर बड़ी कार्रवाई, 100 से ज्यादा ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया गया… जानिए क्या है कारण

Loan Apps पर बड़ी कार्रवाई, 100 से ज्यादा ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया गया… जानिए क्या है कारण
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By NPG News

नईदिल्ली 15 जनवरी 2021. गूगल ने सुरक्षा नीतियों के साथ खिलवाड़ करने वाले कई पर्सनल लोन एप को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि उपभोक्ताओं को डिजिटल लोन के नाम पर धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह कदम उठाया है। गूगल प्ले स्टोर से हटाए एप के नाम तो नहीं बताए, लेकिन कंपनी का कहना है कि उपभोक्ता और सरकारी एजेंसियों ने कई एप के खिलाफ शिकायतें की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल ने पर्सनल लोन देने वाले 100 से ज्यादा ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया है। ये सभी ऐप्स अब सर्च में नहीं आ रहे हैं।

गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट के जरिये जानकारी दी है कि वह सरकार और यूजर्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर और कई पर्सनल लोन ऐप्स को रिव्यू कर रहा है. गूगल ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब पिछले दिनों कई यूजर्स ने शॉर्ट टर्म लोन देने वाली कंपनियों के बारे में शिकायत की थी कि वह उन्हें परेशान कर रही हैं। कुछ प्रभावित ग्राहकों ने आरोप लगाया था कि पर्सनल लोन देने वाले कई ऐप्स उनके कॉन्टैक्ट डीटेल्स को एक्सेस कर उसका इस्तेमाल वसूली एजेंटों द्वारा उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के लिए कर रहे थे।

गूगल ने लोन देनेवाले कितने ऐप्स को ऐप स्टोर से हटाया है, इस बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया में जो चर्चा चल रही है उसके अनुसार गूगल ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 118 डिजिटल लोन ऐप्स को हटा दिया है। गूगल ने पर्सनल लोन देने वाली ऐसी कई ऐप्स की कंपनियों से पूछा है कि वे लोकल लॉ और रेगुलेशन को किस तरह फॉलो कर रही हैं।

गूगल की पॉलिसी क्या है?

गूगल की पॉलिसी के मुताबिक, पर्सनल लोन देने वाले ऐप को यूजर को सभी तरह की जानकारी देनी होंगी. जैसे, पेमेंट की न्यूनतम और अधिकतम समय सीमा क्या है? ब्याज की अधिकतम दरें क्या हैं? ग्राहकों को यह बताना होगा कि लोन की कुल लागत कितनी होगी? लोन के फीचर्स, फीस, रिस्क और बेनिफिट्स के बारे में ट्रांसपेरेंसी रहे, ताकि लोगों को सही फैसला लेने में सहुलियत हो.

RBI ने किया सावधान

वहीं, लोन ऐप के जरिये मानसिक उत्पीड़न की घटनाओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया है. यह वर्किंग ग्रुप डिजिटल लेंडिंग प्लैटफॉर्म्स के व्यवस्थित विकास के लिए सुझाव देगा. पिछले महीने RBI ने लोगों को अनधिकृत डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के झांसे में नहीं आने के लिए चेताया था.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि लोन देने वाली किसी लिस्टेड वेबसाइट या उसके ऐप पर जाते हैं, तब इस बात जरूर देखें कि वो RBI से रजिस्टर्ड है या फिर RBI से रजिस्टर्ड किसी बैंक या NBFC के साथ काम कर रहा है. साथ ही, लोन देने वाली सभी कंपनियों को अपनी कंपनी पहचान संख्या (CIN) और सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) को साफ-साफ दिखाना होगा.

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