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बड़ी कार्रवाईः सीएम भूपेश ने दिया सिम्स के डीन और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल हटाने का आदेश, बोले…आपदा के समय अव्यवस्थाएं होना दुर्भाग्यजनक, तत्काल कमिश्नर संजय अलंग को चार्ज सौंपे

बड़ी कार्रवाईः सीएम भूपेश ने दिया सिम्स के डीन और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल हटाने का आदेश, बोले…आपदा के समय अव्यवस्थाएं होना दुर्भाग्यजनक, तत्काल कमिश्नर संजय अलंग को चार्ज सौंपे
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By NPG News

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रायपुर, 21 सितंबर 2020। छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल काॅलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ा फैसला लेते हुए सिम्स के डीन और बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल से कहा है कि वे फौरन दोनों को हटाकर बिलासपुर के कमिश्नर डाॅ0 संजय अलंग को पूरा चार्ज सौंप दें। सीएम ने लिखा है कि कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की अव्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है।
मुख्मंत्री ने यह फैसला सिम्स की जांच रिपोर्ट के बाद लिया है। ज्ञातव्य है, सिम्स की लगातार आ रही शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने हेल्थ विभाग की ज्वाइंट सिकरेट्री डा0 प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। प्रियंका कमेटी ने तीन पन्ने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में कोरोना के समय सिम्स के ओपीडी से लेकर आईसीयू, लेब की व्यापक अव्यवस्थाओं को उजागर किया है। कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में हैरानी जताई है कि कोविड लेब में 32 तकनीशियन हैं, पांच की और भरती होने वाली है। इसके बाद भी मात्र टेस्टिंग की एक शिफ्थ चलाई जा रही है। अस्पताल में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। ऐसे में एक सिम्स के प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि एक सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में एक नियंत्रण दल गठित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने चीफ सिकरेट्री को लिखा है कि

राज्य की द्वितीय सबसे महत्वपूर्ण नगर के मेडिकल कालेज में वर्तमान आपदा के समय अव्यवस्थाएं होना दुर्भाग्यजनक, पीड़ादायक है। मेडिकल काॅलेज के डीन एवं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को तत्काल पद से हटाकर अन्य सक्षम अधिकारियों की पदस्थापना की जाए। कमिश्नर बिलासपुर तत्काल सभी संबंधितों के बीच समन्वय स्थापित कर जांच दल द्वारा उल्लेखित सभी अव्यवस्थाओं को आगामी 15 दिनों में ठीक कराएं। राज्य के सभी अन्य सभी मेडिकल काॅलेजों का भी तत्काल निरीक्षण कराया जाए तथा की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाए।

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