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BEO ने लगा दी दिव्यांग शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी….. नाराज कलेक्टर ने शो-कॉज नोटिस जारी कर पूछा- “2 दिन के भीतर जवाब दीजिये, क्यों ना आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये”….जिला निर्वाचन पदाधिकारी के तेवर से अफसरों के उड़े होश

BEO ने लगा दी दिव्यांग शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी….. नाराज कलेक्टर ने शो-कॉज नोटिस जारी कर पूछा- “2 दिन के भीतर जवाब दीजिये, क्यों ना आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये”….जिला निर्वाचन पदाधिकारी के तेवर से अफसरों के उड़े होश
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By NPG News

सूरजपुर 30 जनवरी 2020। …. वाकई में ना शिक्षा विभाग के अधिकारी गजब ही कर देते हैं। मौका कोई भी हो ये विभाग किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में आ ही जाता है। अब पंचायत चुनाव को ही ले लीजिये, आयोग का निर्देश है कि इलेक्शन ड्यूटी में दिव्यांगों को राहत दी जायेगी, लेकिन प्रतापपुर के बीईओ साहब ने नियमों को ठेंगा दिखाते हुए दिव्यांग शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी।

अब आलम ये हुआ कि दिव्यांग शिक्षकों ने ड्यूटी ज्वाइन तो कर लिया, लेकिन पूरी क्षमता से काम नहीं कर सके, लिहाजा चुनाव कार्य में देरी हो गयी और काम प्रभावित हो गया। इधर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह कलेक्टर दीपक सोनी को जब इस बात जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे तुरंत संज्ञान में लिया और BEO से दो दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की।

दरअसल प्रतापपुर के बीईओ जनार्दन सिंह को मतदान दल की रवानगी की जिम्मेदारी दी गयी थी। कल होने वाले चुनाव के लिए मतदान दल को सामिग्री वितरित किये जाने व अन्य निर्वाचन कार्य के लिए बीईओ ने जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गयी थी, उनमें कई दिव्यांग शिक्षक भी शामिल थे। जबकि निर्वाचन नियम में इस बात का उल्लेख है कि शारीरिक अपंगता की वजह से जो कर्मचारी भारी काम नहीं कर सकते हैं, उनकी ड्यूटी चुनाव कार्य में नहीं लगायी जाये।

लेकिन, बीईओ ने इस नियम को ठेंगा दिखा दिया। अब विभाग के फरमान पर शिक्षक ड्यूटी के पहुंचे तो जरूर, लेकिन काम वक्त पर कर नहीं सके। इससे पहले प्रतापपुर में जब शिक्षकों की इलेक्शन ट्रेनिंग चल रही थी, तो दिव्यांग शिक्षकों को ट्रेनिंग से अलग नहीं किया गया। इसकी वजह से चुनाव कार्य में देरी तो हुई ही, मतदानकर्मियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

इस मामले को कलेक्टर दीपक सोनी ने बेहद गंभीरता से लिया है। NPG से बातचीत करते हुए कलेक्टर सोनी ने कहा कि ..

“ये बेहद गंभीर मसला है, मैंने 2 दिन के भीतर जवाब मांगा है, निर्देश साफ तौर पर था कि अगर कोई दिव्यांग है और पूरी सक्षमता से काम नहीं कर पाता है, तो उसे इलेक्शन ड्यूटी से अलग रखा जाये, लेकिन बीईओ ने उस निर्देश की अवहेलना की, ये घोर अनुशासनहीनता है, जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ, निश्चित ही कड़ी कार्रवाई होगी”

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