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बलरामपुर ज़िला भाजपा संगठन कार्यकारिणी पर तीखी हुई तकरार.. सिद्धनाथ और नेताम आमने सामने..व्हाट्सएप ग्रुप में सिद्धनाथ की आलोचना पर नेताम का थंब इंप्रैशन..तो नेताम पर पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ ने साधा निशाना- “राष्ट्रीय नेता के पास बैठकर बना दिए सुची.. कार्यकर्ताओं को किया गया दरकिनार”

बलरामपुर ज़िला भाजपा संगठन कार्यकारिणी पर तीखी हुई तकरार.. सिद्धनाथ और नेताम आमने सामने..व्हाट्सएप ग्रुप में सिद्धनाथ की आलोचना पर नेताम का थंब इंप्रैशन..तो नेताम पर पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ ने साधा निशाना- “राष्ट्रीय नेता के पास बैठकर बना दिए सुची.. कार्यकर्ताओं को किया गया दरकिनार”
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By NPG News

रायपुर,7 सितंबर 2020। बलरामपुर रामानुजगंज भाजपा ज़िला कार्यकारिणी पर तकरार अब गहरा रही है। विवाद के नए एपीसोड में पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा और राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम आमने सामने आ गए हैं। सामरी से पूर्व विधायक सिद्धनाथ सिंह ने सीधे तौर पर राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम पर निशाना साधते हुए जारी सुची को कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बताते हुए इसके पीछे “राष्ट्रीय नेता” का ज़िक्र किया है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम भाजपा की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। हालाँकि सिद्धनाथ सिंह ने नाम लेने से परहेज़ किया लेकिन बात से स्पष्ट था कि सिद्धनाथ पैंकरा का इशारा किस तरफ़ है।

सामरी पूर्व विधायक और पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा का बयान बेहद तल्ख़ है.. उन्होंने कहा “ नाराजगी है.. क्यों नहीं होगी..यह जो कार्यकारिणी बनी है इसमें वास्तविक कार्यकर्ताओं की उपेक्षा है.. एक राष्ट्रीय नेता के पास बैठकर यह सुची तैयार की गई, वर्तमान और पूर्व ज़िलाध्यक्ष साथ में बैठाए गए और सुची बन गई”

पूर्व संसदीय सचिव और मौजुदा समय में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धनाथ पैकरा ने आगे कहा –
“जिस तरह से सुची बनी है उससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश है.. विपक्ष तो सत्ता का दमदारी से विरोध करता है.. पर ये तो स्वयं में ही विरोध करा रहे हैं जो अच्छी बात नहीं है..”
इधर इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया का दौर शुरु हो गया, जिसके बाद एक वायरल स्क्रीन शॉट ने मामला और गर्म कर दिया। एक व्हाट्सएप ग्रुप में किसी कार्यकर्ता की ओर से सिद्धनाथ पैकरा को लेकर तीखी बात लिखी गई उस बात के ठीक नीचे राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम के नाम से सेव्ह नंबर है जिससे थम्स अप बनाया गया है।

बहरहाल घमासान तेज है, जिसके मूल में बीते विधानसभा चुनाव में बागी होकर लड़ने वाले प्रत्याशी के साथ क़दमताल करते लोगों का इस कार्यकारिणी में अहम पद पाना है।
इस पूरे मसले पर प्रदेश संगठन की कोई भुमिका रहती है या शेष प्रदेश की तरह यहाँ पर भी “मौनी बाबा” की भुमिका बनी रहती है यह आगे का समय बताएगा। बहरहाल टकराव अब खुलकर आमने सामने है।

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