Xiaomi SU7 Ultra: 1548 हॉर्सपावर और CATL किरिन II बैटरी के साथ शाओमी की नई धांसू इलेक्ट्रिक कार हुई पेश, जानें स्पेक्स...
Xiaomi SU7 Ultra Electric Car Unveiled: शाओमी ने SU7 अल्ट्रा इलेक्ट्रिक कार पेश की, जो 2 सेकंड में 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ती है और 350 किमी/घंटा से ज्यादा की टॉप स्पीड है। खास चार्जिंग और ब्रेकिंग सिस्टम के साथ, अक्टूबर 2024 में रेसिंग कारों को टक्कर देगी और 2025 में रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य है।
Xiaomi SU7 Ultra EV Car: शाओमी ने अपनी इलेक्ट्रिक कार SU7 के सबसे पावरफुल वर्जन SU7 अल्ट्रा को हाल ही में पेश किया है। यह कार रेसिंग ट्रैक पर नंबर 1 बनने और रफ्तार के सारे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बनाई गई है। SU7 अल्ट्रा में इतनी तेज चार्जिंग मिलती है कि आप झटपट गाड़ी को फुल चार्ज कर सकते हैं। साथ ही, रेस ट्रैक पर बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए इसमें खास ब्रेकिंग सिस्टम भी दिया गया है।
शाओमी SU7 अल्ट्रा: स्पेसिफिकेशन्स और परफॉर्मेंस
SU7 अल्ट्रा की स्पेसिफिकेशन्स वाकई कमाल की हैं। इसकी स्पीड इतनी तेज है कि आप यकीन नहीं कर पाएंगे। शाओमी के नए V8s इलेक्ट्रिक मोटर मिलकर कुल मिलाकर 1548 हॉर्सपावर की ताकत देते हैं। यह कार सिर्फ 1.97 सेकंड में ही 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। और तो और, इसकी टॉप स्पीड 350 किमी/घंटा से भी ज्यादा है।
शाओमी SU7 अल्ट्रा में CATL किरिन II बैटरी
इस धांसू कार में दुनिया की पहली CATL किरिन II बैटरी लगी है। यह बैटरी इतनी खास है कि यह गाड़ी को बहुत तेज चार्ज कर सकती है और साथ ही शानदार परफॉर्मेंस भी देती है। SU7 अल्ट्रा में रेस ट्रैक के लिए खास ब्रेकिंग सिस्टम भी है। यह सिस्टम इतना दमदार है कि 100 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती हुई गाड़ी को मात्र 25 मीटर में पूरी तरह से रोक सकता है।
शाओमी SU7 अल्ट्रा: वजन और डिजाइन
गाड़ी की स्पीड जितनी ज्यादा होती है, उसका वजन उतना ही कम होना चाहिए। इसीलिए, शाओमी ने SU7 अल्ट्रा में कार के कई पार्ट्स को बनाने में कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया है। इससे गाड़ी का वजन कम होकर 1900 किलो हो गया है। SU7 अल्ट्रा की डिजाइन इस तरह से बनाई गई है कि गाड़ी हवा में चलते समय नीचे की तरफ दबाव महसूस करे (डाउनफोर्स)। यह ताकत इतनी ज्यादा है कि यह कार के वजन से भी ज्यादा है।
शाओमी SU7 अल्ट्रा: रेस ट्रैक पर शाओमी की योजना
अपनी इस पावरफुल कार के साथ, शाओमी अक्टूबर 2024 में उन रेसिंग कारों को टक्कर देने की तैयारी में है जो अभी प्रोडक्शन में नहीं गई हैं। कंपनी का असली लक्ष्य तो साल 2025 में है। वह यह है कि वह नूरबर्गिंग रेस ट्रैक पर सबसे तेज रफ्तार वाली प्रोडक्शन कार का रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहती है।