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Samsung की बैटरी टेक्नोलॉजी बनी कार कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत: 1.8 लाख गाड़ियां वापस, जानें क्या है मामला

Samsung Battery Fire Risk Cars: सैमसंग की बैटरी टेक्नोलॉजी में खराबी के चलते Ford, Stellantis और Volkswagen जैसी कंपनियों ने लगभग 1.8 लाख गाड़ियां वापस मंगाई हैं। प्रभावित गाड़ियों में Ford Escape, Jeep Wrangler 4xe जैसी गाड़ियां शामिल हैं।

Samsung की बैटरी टेक्नोलॉजी बनी कार कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत: 1.8 लाख गाड़ियां वापस, जानें क्या है मामला
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By swapnilkavinkar

Samsung Battery Fire Risk Cars: स्मार्टफोन और हाई-टेक गैजेट्स की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाली साउथ कोरियाई कंपनी सैमसंग इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। कंपनी की बैटरी टेक्नोलॉजी, जो कभी उसकी पहचान हुआ करती थी, अब कई ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए सिरदर्द बन गई है। खबर है कि सैमसंग द्वारा सप्लाई की गई बैटरी में खराबी के चलते लगभग 1.8 लाख कारों को वापस मंगाया जा रहा है। इस घटना ने न केवल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है, बल्कि सैमसंग के भरोसे पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह मामला उन हाई-वोल्टेज बैटरी से जुड़ा है, जिन्हें सैमसंग ने कई बड़ी कार कंपनियों को सप्लाई किया था। इन बैटरियों में कुछ तकनीकी खामियां पाई गई हैं, जिसके कारण कारों में आग लगने का खतरा बढ़ गया है। इस खतरे को भांपते हुए फोर्ड, स्टेलेंटिस और वोक्सवैगन जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपनी उन कारों को वापस बुलाने का फैसला किया है, जिनमें सैमसंग की बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। आइए जानते हैं कि आखिर इस पूरे मामले की वजह क्या है।

सैमसंग की बैटरी में गड़बड़ी: पूरे मामले की वजह और आग का खतरा

मामले की तह तक जाने पर पता चलता है कि सैमसंग की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले सेपरेटर (Separator) में कुछ गड़बड़ी है। ये सेपरेटर बैटरी के अंदर पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल को अलग रखने का काम करता है। अगर ये सेपरेटर ठीक से काम न करे, तो शॉर्ट सर्किट हो सकता है और आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) की रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग के हाई-वोल्टेज सेल मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में कुछ खामियां पाई गई हैं, जिसके चलते सेपरेटर लेयर में गड़बड़ी हुई है।

कौन सी गाड़ियां हैं खतरे में: रिकॉल लिस्ट में शामिल कारें

इस रिकॉल से प्रभावित होने वाली गाड़ियों में फोर्ड एस्केप (2020-2024), लिंकन कॉर्सियर (2021-2024), ऑडी ए7 (2022), ऑडी क्यू5 (2022-2023), जीप रैंगलर 4xe (2020-2024) और जीप ग्रैंड चेरोकी 4xe (2022-2024) शामिल हैं। इन गाड़ियों के मालिकों को सलाह दी गई है कि वे तुरंत अपने नजदीकी सर्विस सेंटर पर संपर्क करें और अपनी गाड़ी की बैटरी की जांच करवाएं।

आगे क्या होगा: सैमसंग का अगला कदम और ग्राहकों के लिए सलाह

सैमसंग ने अभी तक इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं बताया है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही इसका समाधान निकालेगी। इस बीच, फोर्ड ने अपनी प्रभावित गाड़ियों में एक खास फीचर एक्टिवेट किया है, जो ड्राइवर को बैटरी में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर तुरंत अलर्ट कर देगा। इस फीचर का नाम है 'स्टॉप सेफ़ली नाउ' (Stop Safely Now)।

इस घटना ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बैटरी टेक्नोलॉजी की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अब कार कंपनियां बैटरी सप्लाई करने वाली कंपनियों से और भी ज्यादा सख्त सुरक्षा नियमों की मांग कर सकती हैं। वहीं, सैमसंग को अपनी बैटरी टेक्नोलॉजी को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

यह घटना एक सबक है कि टेक्नोलॉजी कितनी भी अच्छी क्यों न हो, सुरक्षा हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कार कंपनियों और बैटरी सप्लाई करने वाली कंपनियों को मिलकर काम करना होगा, ताकि ग्राहकों को सुरक्षित और भरोसेमंद गाड़ियां मिल सकें।


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