Adani Ports: अडानी ग्रुप का अहम कदम, श्रीलंका में बिना अमेरिकी मदद के पूरा करेगा पोर्ट प्रोजेक्ट
Adani Ports: अडानी समूह की कंपनी 'अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड' ने श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट को बिना अमेरिकी फंडिंग के अपने दम पर पूरा करने का ऐलान किया है।
Adani Ports: अडानी समूह की कंपनी 'अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड' ने श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट को बिना अमेरिकी फंडिंग के अपने दम पर पूरा करने का ऐलान किया है। कंपनी ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि वह अमेरिकी फंडिंग पर निर्भर नहीं रहेगी और उसने 2023 में US इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से प्राप्त फंडिंग के लिए अपना आवेदन वापस ले लिया है।
अडानी समूह का आत्मनिर्भर फैसला
अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट की फंडिंग अपने संसाधनों से करेगी। पिछले साल नवंबर में, DFC ने इस प्रोजेक्ट के लिए 553 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन देने पर सहमति दी थी, लेकिन अब तक इस फंडिंग का कोई भुगतान नहीं किया गया है। इस परियोजना में अडानी पोर्ट्स की 51% हिस्सेदारी है और यह श्रीलंका की कंपनी जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (SLPA) के साथ मिलकर चलाया जा रहा है।
हिंद महासागर में रणनीतिक महत्व
कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल हिंद महासागर में सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है, जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट का अधिकांश काम पहले ही पूरा हो चुका है और इसका पहला चरण 2025 की पहली तिमाही तक चालू हो जाएगा।
अमेरिकी फंडिंग से इंकार करने का कारण
अडानी समूह के इस फैसले को अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोपों का जवाब माना जा रहा है। पिछले महीने, गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत छह अन्य लोगों पर अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद DFC ने कहा था कि वह अडानी और उनके अधिकारियों पर लगे आरोपों की निगरानी कर रहा है। इस संदर्भ में अडानी समूह ने अमेरिकी फंडिंग से इंकार कर दिया है, जबकि उसने पहले ही इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस कदम के साथ अडानी समूह ने यह साबित कर दिया है कि वह अपनी परियोजनाओं को बिना किसी बाहरी सहायता के सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम है।