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विधानसभा ब्रेकिंग : कमिश्नर के पत्र मामले की सचिव करेंगे जांच…..सदन में 20 मिनट की नोंकझोंक के बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर मंत्री की घोषणा …

विधानसभा ब्रेकिंग : कमिश्नर के पत्र मामले की सचिव करेंगे जांच…..सदन में 20 मिनट की नोंकझोंक के बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर मंत्री की घोषणा …
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By NPG News

रायपुर 1 मार्च 2021। कांकेर के आदिवासी विकास विभाग की तरफ से आश्रम में कंप्युटर खरीदी में गड़बड़ी के मामले में आज सदन में कांग्रेस विधायक ने अपने ही मंत्री को घेरा। विधायक संतराम नेताम ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह सवाल पूछा कि घटिया कंप्युटर खरीदी मामले में दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। विधायक संतराम नेताम का आरोप था कि अखबार में छपी शिकायत के बाद कमिश्नर ने जांच की और फिर सचिव को इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा ….लेकिन इस पत्र को भेजने के कुछ दिन बाद कमिश्नर ने एक और पत्र लिखकर सचिव को अवगत कराया कि इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।

बस्तर कमिश्नर का एक ही मामले में दो पत्र लिखे जाने पर सदन में करीब 20 मिनट तक गरमागरम बहस होती रही। कमिश्नर के एक ही मामले में दो पत्र लिखने, जिसमें एक में कार्रवाई और दूसरे में क्लीन चिट दिये जाने की बात लिखी गयी थी। मामले में तीखी नोंकझोंक के बीच आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में जांच के निर्देश दिये, जिसके बाद मंत्री ने कमिश्नर के दो पत्र लिखे जाने की जांच सचिव स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश सदन में दिया है।

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इससे पहले विधायक संतराम नेताम ने कहा कि आखिर कुछ दिन में ही ऐसी क्या परिस्थिति हो गयी कि कमिश्नर को ये लिखना पड़ गया कि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। जवाब में मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा कि कंप्युटर खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद किसी भी तरह का आपूर्तिकर्ता और फर्म को कोई भुगतान नहीं हुआ है। इसलिए इस मामले में गड़बड़ी की बात नहीं है।

जवाब के बाद बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कार्रवाई की मांग करते हुए सदन की कमेटी से पूरी जांच की मांग की। अजय चंद्राकर ने कहा कि भले ही जांच कराने का आधार समाचार पत्र में छपी खबर हो, लेकिन अगर कमिश्नर ने पत्र लिखा है तो वो शासकीय पत्र हो जाता है, ऐसे में इस मामले में सदन की कमेटी से जांच की मांग दोहरायी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक बार पिर सदन में आरोप लगाया कि ये घोटाले की सरकार है। सदन की कमेटी से इस मामले की जांच की ही जानी चाहिये। इस दौरान बार-बार मंत्री ये दोहराते रहे कि कंप्युटर आपूर्तिकर्ता को जब भुगतान ही नहीं हुआ है, तो फिर भ्रष्टाचार की बात का सवाल ही नहीं है।

तीखी नोंकझोंक के बीच अजय चंद्राकर ने अधिकारी के बारे में असंसदीय टिप्पणी कर दी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उस शब्द को विलोपित कर दिया। चर्चा के दौरान कमिश्नर पर भी कार्रवाई की मांग उठी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कमिश्नर पर आरोप लग रहे है, इसलिए किस स्तर के अधिकारी से जांच की जायेगी, ये साफ होना चाहिये। जिसके बाद सदन में सचिव स्तर के अधिकारी से जांच कराने का निर्देश दिया गया।

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