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Asian youth boxing: भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा कायम, तीन गोल्ड समेत कुल नौ मेडल जीते

Asian youth boxing: भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा कायम, तीन गोल्ड समेत कुल नौ मेडल जीते
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By NPG News

नईदिल्ली 31 अगस्त 2021I दुबई में जारी एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों का दबदबा कायम है। सोमवार को विश्व युवा कांस्य पदक विजेता विश्वमित्र चोंगथाम (51 किग्रा) ने यहां स्वर्ण पदक जीता तो वहीं विशाल (80 किग्रा) और नेहा (54 किग्रा) ने भी सुनहरा तमगा हासिल किया। वहीं छह अन्य भारतीय मुक्केबाजों ने रजत पदक अपने नाम किए।
चोंगथाम ने कड़े मुकाबले में उज्बेकिस्तान के कुजिबोएव अहमदजोन को 4-1 से हराया, जबकि विशाल ने किर्गिस्तान के अकमतोव संझार को 5-0 से शिकस्त दी। वहीं नेहा ने कड़ी टक्कर के बाद कजाखस्तान की खिलाड़ी को 3-2 से हराया। गौरतलब है कि पिछले बार भारत ने पुरुषों के मुकाबले में दो स्वर्ण पदक साल 2010 में जीते थे।
इन मुकाबलों के अलावा विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा), वंशज (63.5 किग्रा) और जयदीप रावत (71 किग्रा) ने रजत पदक अपने नाम किए जबकि महिलाओं में निवेदिता (48 किग्रा) और तमन्ना (50 किग्रा) को रजत से संतोष करना पड़ा।
इससे पहले महिला खिलाड़ी समेत पांच भारतीय मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक अपने नाम किए। पुरुषों में दक्ष (67 किग्रा), दीपक (75 किग्रा), अभिमन्यु (92 किग्रा) और अमन सिंह बिष्ट (92+किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। जबकि महिलाओं में लाशु यादव (70 किग्रा) ने कांस्य पदक के साथ अपने अभियान को समाप्त किया।
बता दें कि मंगोलिया में आयोजित एशियाई यूथ चैंपियनशिप के पिछले सीजन में भारत ने पांच गोल्ड समेत कुल 12 पदक जीते थे।इससे पहले एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत ने आठ स्वर्ण पदक, पांच रजत और छह कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया। इनमें से छह स्वर्ण पदक लड़कियों ने जीते। भारत की कुल छह लड़कियां फाइनल में पहुंची थीं जिनमें से छह ने स्वर्ण पदक जीते जबकि चार अन्य को रजत पदक मिला। लड़कों के वर्ग में तीन भारतीय फाइनल में पहुंचे थे जिनमें से दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। भारत ने कजाखस्तान के बराबर स्वर्ण पदक जीते। उज्बेकिस्तान नौ स्वर्ण पदक के साथ शीर्ष पर रहा।
भारतीय मुक्केबाज
राष्ट्रीय चैम्पियन रोहित चमोली (48 किग्रा) और भरत जून (81 किग्रा से अधिक) ने लड़कों के वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शुरूआत की। इसके बाद लड़कियों के वर्ग में वीशू राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा), माही राघव (63 किग्रा), प्रांजल यादव (75 किग्रा) और कीर्ति (81 किग्रा से अधिक) ने सोने के तमगे हासिल किए।
रूद्रिका (70 किग्रा) उज्बेकिस्तान की ओइशा तेरोवा से 1-4 से और संजना (81 किग्रा) कजाखस्तान की उमित अहिलकाइर से 0-5 से हार गयी। आंचल सैनी (57 किग्रा) को भी कजाखस्तान की उलझान सारसेनबे से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।भारत की तरफ से देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा) ने लड़कियों के वर्ग में जबकि आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा)) ने लड़कों के वर्ग में कांस्य पदक जीते।
पिछली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2019 में भारत 21 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा था।युवा प्रतियोगिता के फाइनल में अब निवेदिता (48 किग्रा), तमन्ना (50 किग्रा), सिमरन (52 किग्रा), नेहा (54 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), स्नेहा (66 किग्रा), खुशी (75 किग्रा), तनिशबीर (81 किग्रा) महिला वर्ग में जबकि पुरुषों में जयदीप रावत (71 किग्रा), वंशज (64 किग्रा) और विशाल (80 किग्रा) फाइनल खेलेंगे।
यह पहला अवसर है जबकि दोनों आयु वर्ग – जूनियर और युवा – चैम्पियनशिप एक साथ आयोजित की जा रही है।

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