कार्यकारिणी गठित होते ही BJYM में शुरू हुआ सर फुटौव्वल……कहीं आत्महत्या की चेतावनी, कहीं बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने का चैलेंज….विवाद पर NPG ने की प्रदेश अध्यक्ष से सीधी बात
रायपुर 11 फरवरी 2021। छत्तीसगढ़ बीजेपी में जितनी तेजी से संगठन का विस्तार हो रहा है…बगावत के सुर भी उतने ही ऊंचे होते जा रहे हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के साथ-साथ अब तक महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा के संगठन का विस्तार कर चुकी है। लेकिन सबसे ज्यादा घमासान भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में मची है। बगावत का आलम ये है कि भाजयुमों में जिम्मेदारी नहीं पाने कार्यकर्ताओं ने अब आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी है। यही नहीं कईयों ने तो संगठन में पद पाये नेताओं को बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने की भी चुनौती दे दी है। हालांकि इस मामले में NPG से भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा है कि संगठन अनुभव और युवा जोश दोनों की जरूरत होती है। वैसे कार्यकर्ता जो ये मानते हैं कि पद के बिना वो कुछ नहीं हैं, वैसे लोग ही इस तरह की बातें कर रहे हैं।
35 साल का था मापदंड, 40-41 साल के भरे पड़े हैं पदाधिकारी
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के पहले 35 साल की उम्र की सीमा रखी गयी थी, लेकिन जब कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की गयी, तो उसमें 40-41 साल के उम्र के नेताओं की भरमार देखी गयी। ऐसे में वो कार्यकर्ता जो इस उम्मीद में संगठन के साथ जुड़े थे कि उन्हें कार्यकारिणी में जिम्मेदारी दी जायेगी, उनका गुस्सा फूट पड़ा। संगठन के शीर्ष पदों पर एक नेता 41 साल के हैं। खुद प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू मानते हैं कि संगठन में 4 अनुभवी नेताओं को लिया गया है, क्योंकि संगठन को उनके अनुभव की जरूरत है। अब सोशल मीडिया पर भाजयुमों के कई कार्यकर्ता बागी हो गये हैं। कईयों ने तो आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी है।
कार्यकर्ताओं ने दी आत्महत्या की चेतावनी
कार्यकारिणी घोषित होते ही भाजयुमो में सिर फुटौव्वल की नौबत आ गयी। सोशल मीडिया व व्हाट्सएसग्रुपों में लगातार कार्यकर्ताओं ने बगावती पोस्ट शुरू कर दिये। कार्यकर्ताओं में कईयों ने जहां पदाधिकारियों के जन्म प्रमाण पत्र को जारी करने की मांग रख दी, तो वहीं कईयों ने आत्महत्या तक की चेतावनी दे दी। अब कार्यकर्ताओं ने बागी तेवर ने भाजयुमो संगठन की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि खुद प्रदेश अध्यक्ष ने NPG से कहा है कि कुछ पदाधिकारी जरूर 35 से ज्यादा उम्र के हैं, लेकिन संगठन को बढ़ाने के लिए ये तालमेल बनाना पड़ता है।
कार्यकारिणी विवाद पर अमित साहू की NPG से सीधी बात
सवाल – प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर कई कार्यकर्ता बागी हो गये हैं, आत्महत्या की चेतावनी दे रहे हैं, असंतुष्टि की वजह क्या है ?
जवाब– देखिये, जब कार्यकारिणी गठित होती है तो इस तरह की बातें आती है। वो कार्यकर्ता निराश है या नाराज हैं, जो ये मानते हैं कि पद ही उनके लिए सबकुछ है। बिना पद के भी संगठन के लिए काम किया जा सकता है। मैं तो सभी से आह्वान करूंगा कि वो संगठन के कामों जुटें और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने में जुट जायें ।
सवाल – क्या 35 साल के मापदंड की अनदेखी हुई है। ज्यादा उम्र के लोगों को संगठन में लेने मजबूरी क्या थी।
जवाब- ऐसा नहीं होता है, संगठन चलाने के लिए अनुभव का संतुलन भी जरूरी होता है। ये जरूर है कि हमने कुछ 40-41 साल के लोगों संगठन में शामिल किया है, लेकिन इसके पीछे मकसद संगठन को मजबूत करने का है। हमें नहीं लगता कि किसी को बागी या नाराज होने की जरूरत है। पद के बगैर भी पार्टी के लिए सब कुछ कर सकते हैं। हमारी पार्टी कैडर बेस पार्टी है और संगठन अपने हिसाब से चलता है, किसी व्यक्ति विशेष की नाराजगी से संगठन के फैसले पर असर नहीं पड़ता है। ये फैसला संगठन का है।
सवाल- क्या नाराज कार्यकर्ताओं के लिए कुछ उम्मीद बची है या फिर एडजस्ट करने पर कुछ विचार है ।
जवाब- निश्चित ही, सभी अपने लोग हैं तो बात करेंगे, सब से मिलकर संगठन बनता है और चलता है। हम सभी से बात करेंगे। आपने देखा होगा, अभी सिर्फ 19 जिलाध्यक्ष ही घोषित हुए हैं। कई लोग जिलाध्यक्ष बनेंगे। पूरी कार्यकारिणी एक बार बन जाये, फिर से हम प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार करेंगे। कईयों को संगठन में अभी जिम्मेदारी मिलेगी। उन्हें बेसब्र होने जरूरत नहीं, सभी की जरूरत है और सभी का साथ लेकर अब भाजपा की सत्ता लायेंगे।