LB शिक्षकों को झटका : हाईकोर्ट ने 2018 में संविलियन पाये शिक्षकों की याचिका खारिज की….8 साल में संविलियन पाये शिक्षकों ने इन मांगों को लेकर खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा… पढ़िये ये पूरी खबर …

Update: 2021-03-10 08:07 GMT

रायपुर 10 मार्च 2021। 8 साल या उससे अधिक सेवा के बाद संविलियन पाने वाले LB शिक्षकों को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने 2018 में संविलियन पाये उन शिक्षकों की याचिका ठुकरा दी है, जिसमें उन्होंने 2 साल में संविलियन पाये शिक्षाकर्मियों से वेटेज मांगी थी। शिक्षकों की दलील थी कि चूंकि उन्होंने 8 साल या 8 साल से अधिक सेवा के बाद संविलियन पायी है, इसलिए उन्हें 2 साल में संविलियन पाये शिक्षकों से वरीयता मिलनी चाहिये।

दरअसल, गरियाबंद के सनत कुमार सेन और बलवंत कुमार बघेल ने हाईकोर्ट में इस बात को लेकर याचिका दायर की थी कि उनकी सेवा 8 वर्ष से अधिक की थी जिसके बाद शासन द्वारा निर्णय लेकर 2018 में उनका संविलियन किया गया लेकिन बाद में 2020 में 2 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन हुआ और उन्हें भी वही वेतनमान प्राप्त हुआ जो 2018 में संविलियन होने वाले शिक्षकों को दिया गया।

ऐसे में अपनी लंबी सेवा को आधार बनाकर उन्होंने वेटेज की मांग को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसे न्यायालय ने एक सिरे से खारिज करते हुए इसे हस्तक्षेप अयोग्य बताया है और कहा है जब भी किसी कर्मचारी का एक विभाग से दूसरे विभाग में संविलियन होता है तो उन्हें नए विभाग का पद के अनुरूप वेतनमान दिया जाता है जो इस केस में भी हुआ है।

साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है की लंबी सेवा अवधि के आधार पर अधिक वेतन प्रदान करने के लिए शासन को दिशानिर्देश नहीं दिया जा सकता , यदि कर्मचारी चाहे तो राज्य सरकार से इसके लिए निवेदन कर सकते हैं और इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले का खात्मा कर दिया है ।

 

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