अब पुराने वाहनों पर अब लगेगा ग्रीन टैक्स, सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

Update: 2021-01-25 09:58 GMT

नई दिल्ली 25 जनवरी 2021. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने वाहनों पर “ग्रीन टैक्स” लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव अब औपचारिक रूप से अधिसूचित होने से पहले राज्यों के पास परामर्श के लिए जाएगा. माना जा रहा है कि नई “ग्रीन टैक्स” नीति से पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने से प्रदूषण में कमी आएगी.

फिटनेस प्रमाण पत्र दिए जाने के वक्त इस टैक्स का भुगतान करना होगा. फिलहाल, इस संबंध में औपचारिक रूप से अधिसूचना जारी करने से पहले इस प्रस्ताव को राज्यों को परामर्श के लिए भेजा जाएगा. प्रस्ताव के मुताबिक ट्रांसपोर्ट वाली गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स के 10 से 25% की दर से लगेगा. 15 साल के बाद पंजीकरण प्रमाणन के नवीनीकरण के समय पर्सनल गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा. सार्वजनिक परिवहन वाहनों मसलन सिटी बसों पर कम ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा.

पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई अहम बदलावों के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव को अधिसूचित करने से पहले इस मामले में राज्यों से सलाह ली जाएगी। प्रस्ताव को राज्यों के पास भेजा जा रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर मंत्रालय ने एक और प्रमुख फैसला किया है। इसके तहत 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों का पंजीयन पहली अप्रैल, 2022 से रद कर दिया जाएगा और वे कबाड़ घोषित कर दिए जाएंगे। जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।

प्रस्ताव के मुताबिक परिवहन से जुड़े आठ वर्षो से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के दौरान ग्रीन टैक्स देना होगा। वहीं, 15 वर्ष पुराने निजी वाहनों के पंजीयन सर्टिफिकेट के रिन्युअल पर भी ग्रीन टैक्स लगेगा। हालांकि सिटी बस जैसे सार्वजनिक वाहनों पर कम ग्रीन टैक्स देना होगा। बहुत अधिक प्रदूषित शहर में गाडि़यों की संख्या को कम करने के लिए वहां वाहनों के पंजीयन पर रोड टैक्स के 50 फीसद तक ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है। हालांकि कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट रहेगी।

मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाले राजस्व को अलग खाते में रखा जाएगा और उसका इस्तेमाल प्रदूषण पर काबू पाने में किया जाएगा।मंत्रालय के मुताबिक ग्रीन टैक्स के लगने से कई फायदे होंगे। लोग प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का कम इस्तेमाल करेंगे। ग्रीन टैक्स की वजह से लोग नए और कम प्रदूषण वाले वाहन अपनाएंगे।

अनुमान के मुताबिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण में 65-70 फीसद हिस्सेदारी कॉमर्शियल वाहनों की होती है। कुल वाहनों में कॉमर्शियल वाहनों की संख्या करीब पांच फीसद है। मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण में वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहन 15 फीसद का योगदान रखते हैं। हालांकि कुल वाहनों में इनकी संख्या एक फीसद से भी कम है।

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