Switzerland Suspends MFN Clause: स्विट्जरलैंड ने भारत को MFN का दर्जा वापस लिया, भारतीय कंपनियों पर बढ़ेगा टैक्स बोझ...
Switzerland Suspends MFN Clause: स्विट्जरलैंड ने भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए स्विट्जरलैंड में कारोबार करना अब महंगा हो सकता है।
Switzerland Suspends MFN Clause: नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड ने भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए स्विट्जरलैंड में कारोबार करना अब महंगा हो सकता है। 1 जनवरी 2025 से, स्विट्जरलैंड में भारतीय कंपनियों को अपनी कमाई पर पहले से ज्यादा टैक्स देना होगा। व्यापारियों का कहना है कि इससे EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) के जरिए किए गए करीब 10,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ सकता है।
EFTA और उसका महत्व
EFTA (European Free Trade Association) में चार यूरोपीय देशों - आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस संघ का उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना है। इसका गठन 29 फरवरी 1960 को हुआ था।
स्विट्जरलैंड में बढ़ेगा टैक्स
स्विट्जरलैंड ने हाल ही में भारत में दिए गए नेस्ले के खिलाफ एक अदालती फैसले के बाद भारत को MFN से बाहर किया। इसके कारण अब स्विट्जरलैंड में काम कर रही भारतीय कंपनियों को अपने मुनाफे पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा, जो पहले कम था।
क्या था पूरा मामला?
स्विट्जरलैंड सरकार ने एक बयान में कहा कि वह भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए दोहरे कराधान समझौते (डीटीएए) के MFN प्रावधान को निलंबित कर रही है। यह फैसला भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेस्ले के खिलाफ दिए गए आदेश के बाद लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डीटीएए को तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक इसे भारतीय आयकर अधिनियम के तहत अधिसूचित न किया जाए। इस फैसले के बाद नेस्ले को अपनी कमाई पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा। स्विट्जरलैंड के इस कदम से भारतीय कंपनियों को अपने कारोबारी दायरे में अतिरिक्त टैक्स बोझ का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनके मुनाफे पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।