NEET UG results 2024: NEET 2024 में कथित धांधली पर बवाल, IMA ने CBI जांच और दोबारा परीक्षा की मांग की
NEET UG results 2024: राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET) 2024 के परिणाम जारी होने के बाद परीक्षा में कथित धांधली के मामले ने फिर से जोर पकड़ लिया है।
NEET UG results 2024: राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET) 2024 के परिणाम जारी होने के बाद परीक्षा में कथित धांधली के मामले ने फिर से जोर पकड़ लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को पत्र लिखकर इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने और सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है। आइए, जानते हैं पूरी खबर।
पत्र में दी गई दलीलें
IMA ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि इस साल 67 छात्रों ने एक साथ टॉप किया है, जिन्हें 720 में से 720 अंक मिले हैं। इसके अलावा, एक ही केंद्र से 8 छात्र टॉपर रहे हैं, जो सांख्यिकीय रूप से संदिग्ध प्रतीत होता है। इस तरह के परिणामों के पीछे कोई परिभाषित तर्क नहीं है, जो परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
पेपर लीक मामले में नहीं हुई कोई कार्रवाई
पत्र में आरोप लगाया गया है कि NEET 2024 का पेपर कई जगहों पर लीक हुआ था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, कई छात्रों को उनके OMR की तुलना में उनके स्कोर कार्ड पर अलग-अलग अंक प्राप्त हुए हैं। परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी होने के कई सबूत भी मिले हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।
CBI जांच और दोबारा परीक्षा की मांग
IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने पत्र में स्पष्ट किया है कि वे NEET 2024 में हुई अनियमितताओं की CBI जांच की मांग करते हैं। साथ ही, सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दोबारा परीक्षा कराने का भी अनुरोध किया है। उनका कहना है कि भारत की शिक्षा प्रणाली का भविष्य ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता पर निर्भर करता है।
सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका
NTA को पत्र लिखने के अलावा, कुछ पीड़ित छात्रों ने न्याय की आस में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। उन्होंने अपनी याचिका में भी यही दलीलें दी हैं। NTA की अपनी दलील है कि इस साल प्रश्न पत्र आसान था और ज्यादा परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल होने के कारण इस तरह के चौंकाने वाले परिणाम आए हैं। आसान पेपर के कारण ही टाॅपर्स की संख्या में इजाफा हुआ है।
पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
साल 2015 में MBBS, BDS प्रवेश के लिए आयोजित ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) में भी पेपर लीक की खबरें आई थीं। उस समय भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसने परीक्षा निरस्त करने और 4 सप्ताह में दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया था।
NEET 2024 के परिणामों के बाद उत्पन्न हुए विवाद ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। IMA द्वारा CBI जांच और दोबारा परीक्षा की मांग से यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में गहराई से जांच की आवश्यकता है। अब देखना होगा कि NTA और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं।