Indus Waters Treaty Update: इंडस वाटर ट्रीटी पर भारत ने क्यों लगाई रोक, क्या है सिंधु जल समझौता? जानें पाकिस्तान को कितना होगा नुकसान?

Indus Waters Treaty Update: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। अब तक पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई 'सिंधु जल संधि' (Indus Waters Treaty - IWT) के तहत पानी का बंटवारा होता रहा है।

Update: 2025-04-24 14:02 GMT
Indus Waters Treaty Update: इंडस वाटर ट्रीटी पर भारत ने  क्यों लगाई रोक, क्या है सिंधु जल समझौता? जानें पाकिस्तान को कितना होगा नुकसान?
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Indus Waters Treaty Update: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। अब तक पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई 'सिंधु जल संधि' (Indus Waters Treaty - IWT) के तहत पानी का बंटवारा होता रहा है। लेकिन अब भारत ने इस संधि पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह कदम 23 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिया गया।

इसका सीधा असर पाकिस्तान की खेती, बिजली और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। आइए समझते हैं कि ये समझौता क्या है, भारत को क्या अधिकार मिले हैं और पाकिस्तान को क्या नुकसान हो सकता है।

क्या है सिंधु जल संधि (IWT)?

Indus Waters Treaty भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक जल-बंटवारा समझौता है, जिसे 19 सितंबर 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता में साइन किया गया था। इसके तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली की 6 नदियों का पानी बांटा गया।

कौन-कौन सी नदियां शामिल हैं IWT में?

  1. पूर्वी नदियां (भारत को): रावी, ब्यास, सतलुज
  2. पश्चिमी नदियां (पाकिस्तान को): सिंधु, झेलम, चिनाब
  3. पूर्वी नदियों (ब्यास, सतलुज, रावी) का पूरा पानी भारत को उपयोग के लिए दिया गया।
  4. पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) का 80% पानी पाकिस्तान को दिया गया, भारत को कुछ सीमित उपयोग जैसे कृषि और घरेलू कार्यों की अनुमति मिली।

भारत के अधिकार क्या हैं?

  1. भारत को पश्चिमी नदियों पर ‘रन ऑफ द रिवर’ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की इजाजत है — यानी बिना पानी रोके बिजली उत्पादन।
  2. भारत को इन नदियों से सीमित मात्रा में सिंचाई, पीने के पानी और हाइड्रोपावर के लिए पानी लेने की अनुमति है।
  3. भारत पानी को स्टोर या मोड़ नहीं सकता, लेकिन इन अधिकारों के तहत जल-प्रबंधन योजनाएं बना सकता है।

अगर IWT टूटेगा तो पाकिस्तान को क्या नुकसान होगा?

  1. खेती पर बड़ा असर: पाकिस्तान की 90% खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है।
  2. 4.7 करोड़ एकड़ जमीन पर सिंचाई रुक सकती है।
  3. नेशनल इनकम का 23% हिस्सा खतरे में पड़ेगा जो खेती से आता है।
  4. 68% ग्रामीण आबादी खेती पर निर्भर है, जिनका जीवन प्रभावित होगा।
  5. तारबेला और मंगल जैसे बड़े डैम में जलस्तर गिर सकता है, जिससे बिजली उत्पादन 30–50% तक घटेगा।
  6. औद्योगिक क्षेत्र और रोजगार पर असर पड़ेगा।

सिंधु जल आयोग क्या है?

IWT के तहत दोनों देशों ने एक स्थायी सिंधु जल आयोग बनाया है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के जल आयुक्त सालाना मिलते हैं। यह आयोग जल विवादों को सुलझाने, डेटा साझा करने और आपसी समझ बनाए रखने के लिए काम करता है।

अब क्या हुआ है? भारत ने क्यों रोका समझौता?

भारत ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करता, तब तक भारत IWT के तहत कोई सहयोग नहीं करेगा। पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकी हमलों के बाद यह फैसला एक कूटनीतिक दबाव बनाने वाला कदम माना जा रहा है।

सिंधु जल संधि से जुड़े तथ्य

  1. IWT साइन हुआ: 19 सितंबर 1960
  2. नदियों की संख्या: 6 (3 भारत को, 3 पाकिस्तान को)
  3. पानी का बंटवारा: 80% पाकिस्तान को, 20% भारत को
  4. मध्यस्थ: विश्व बैंक
  5. वर्तमान स्थिति: भारत ने अस्थायी रूप से संधि पर रोक लगाई

क्या सिंधु जल समझौता खत्म किया जा सकता है?

IWT एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे खत्म करना आसान नहीं है। हालांकि, भारत कुछ नियमों के तहत दबाव बना सकता है — जैसे, जल परियोजनाओं में तेजी, डेटा साझा करना बंद करना या नए डैम प्रोजेक्ट शुरू करना।

भारत का संदेश साफ है

अब भारत का रुख साफ है — "पानी और खून साथ नहीं बह सकते।" जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन पर पल रहे आतंक को खत्म नहीं करता, तब तक भारत अब सिर्फ कड़ी निंदा नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई के रास्ते पर है।

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