Bilawal Bhutto News: सिंधु में हमारा पानी बहेगा या उनका खून, बिलावल ने दी भारत को धमकी, देखें VIDEO
Bilawal Bhutto News: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनातनी का माहौल है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ विवादित और भड़काऊ भाषण दिया है।

Bilawal Bhutto News: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनातनी का माहौल है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ विवादित और भड़काऊ भाषण दिया है। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधु नदी में या तो हमारा पानी बहेगा या फिर उनका खून। उन्होंने सिंधु नदी पर दावा करते हुए कहा कि ये हमारी नदी है और हमेशा हमारी ही रहेगी।
भुट्टो ने कहा, "ऐसा नहीं हो सकता कि आप एक झटके में सिंधु जल समझौता को तोड़ दें। हम इसे नहीं मानते हैं। हमारी अवाम इसे नहीं मानती। हजारों साल से हम इस नदी के वारिस हैं। सिर्फ इसलिए कि भारत की आबादी ज्यादा है, वो यह नहीं तय कर सकते कि पानी किसका है। पाकिस्तान की अवाम बहादुर लोग हैं, हम डटकर मुकाबला करेंगे। सरहदों पर हमारी फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार है।"
पाकिस्तानी नेताओं की धमकी भरी भाषा
बता दें कि भुट्टो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर भी निशाना साधा और कहा कि भारत ने पहलगाम में हुए हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। इधर नेशनल सिक्यूरिटी कमिटी (NSC) की बैठक के बाद गुरुवार को भी पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते पर आक्रामक बयानबाजी की है। पाकिस्तान ने कहा है कि सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करते हुए अगर नदियों का पानी रोका जाता है तो इसे युद्ध के ऐलान के तौर पर लिया जाएगा। इसका जवाब पूरी ताकतों के साथ दिया जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि इसके लिए हमें जो भी हमें कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे।
सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान में जाता है
1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ये समझौता हुआ था। समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था। पूर्वी हिस्से की नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है। पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है। इस संधि में दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर बातचीत करने और साइट के मुआयने का प्रावधान है। ये संधि कई युद्ध होने के बावजूद भारत और पाकिस्तान में लगातार बनी रही है। हालांकि अब इस संधि से बाहर आने की बात भारत ने कही है। भारत की तरफ से पानी रोकने के बाद पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस सकता है।