Andhra Pradesh State Waqf Board: चंद्रबाबू नायडू का कड़ा एक्शन, वक्फ बोर्ड को किया भंग, जानिए क्या है पूरा मामला?

Andhra Pradesh State Waqf Board: देशभर में वक्फ विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पिछली युवजन श्रमिक रेथू (YSR) कांग्रेस के द्वारा गठित किए गए वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है।

Update: 2024-12-02 11:18 GMT

Andhra Pradesh State Waqf Board: देशभर में वक्फ विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पिछली युवजन श्रमिक रेथू (YSR) कांग्रेस के द्वारा गठित किए गए वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने एक आदेश भी जारी किया है, जिसमें राज्य वक्फ बोर्ड को भंग करने की घोषणा की गई है। सरकार अब नए सिरे से वक्फ बोर्ड का गठन करेगी।

सरकार ने कहा कि YSR कांग्रेस द्वारा गठित वक्फ बोर्ड मार्च, 2023 से निष्क्रिय है। इसमें सुन्नी और शिया समुदायों के विद्वानों और पूर्व सांसदों का प्रतिनिधित्व भी नहीं है। वहीं, बोर्ड के सदस्य के रूप में एसके खाजा के चुनाव को लेकर भी शिकायतें मिली हैं। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार 'मुतवल्ली' के रूप में खाजा की योग्यता संदेह के घेरे में है। इसके अलावा कोर्ट में दायर मामलों के चलते अध्यक्ष का चुनाव भी लंबित है।

क्या होता है वक्फ बोर्ड?

वक्फ अधिनियम 1954 को दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने पारित किया था। इसी अधिनियम के तहत भारत सरकार की ओर से साल 1964 में सेंट्रल वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया के रूप में एक वैधानिक निकाय की स्थापना की गई थी। वर्तमान में प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड है, जिसके अध्यक्ष, राज्य सरकार के एक या दो नामित सदस्य, मुस्लिम विधायक और सांसद, राज्य बार काउंसिल के मुस्लिम सदस्य और इस्लामी विद्वान होते हैं।

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