Raigarh Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का चुनावी इतिहास 1962 के आम चुनाव से शुरू होता है। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण सिंहदेव थे। राजा विजय भूषण जशपुर स्टेट के अंतिम शासक थे। 1962 से पहले वे जशपुर और बगीचा विधानसभा सीट से विधायक रहे। इनके बाद रजनीगंधा देवी यहां से सांसद चुनी गईं, जो राजा नरेशचंद्र सिंह की बेटी थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी गोमती साय सांसद चुनी गई थीं। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पत्थलगांव सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद साय ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटे हैं। 2023 के चुनाव परिणाम के लिहाज से देखा जाए तो यहां बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। 8 में से 4 सीटों जशपुर, पत्थलगांव, कुनकुरी और रायगढ़ सीट पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, खरसियां, धर्मजयगढ़, सारंगढ़ और लैलुंगा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस सीट से नए चेहरों पर दांव लगाया है। बीजेपी ने राधेश्याम राठिया को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार के रुप में डॉ. मेनका सिंह को चुनावी रण में उतारा है। रायगढ़ संसदीय सीट ने छत्तीसगढ़ को दिए दो मुख्यमंत्री रायगढ़ संसदीय सीट से छत्तीसगढ़ को 2 मुख्यमंत्री मिले हैं। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी 1998 में इस सीट से सांसद चुने गए थे। हालांकि इसके बाद 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में जोगी रायगढ़ छोड़कर शहडोल चले गए थे, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। सबसे लंबे समय तक विष्णुदेव साय ने किया प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 1999 से 2014 तक 4 बार इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान वे केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे। 1999 में अजीत जोगी ने जब इस सीट को छोड़ा तो कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पुष्पा देवी सिंह को टिकट दिया। साय उन्हें हरा कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद वे लगातार 2014 तक निर्वाचित होते रहे। 2019 में पार्टी ने साय के स्थान पर गोमती साय को टिकट दे दिया। पुष्पा देवी 3 और नंद कुमार 2 बार रह चुके हैं सांसद कांग्रेस की पुष्पा देवी सिंह रायगढ़ से 3 बार सांसद चुनी गईं। पहली बार वे 1980 में निर्वाचित हुईं, इसके बाद 1984 में भी वे सांसद चुनी गईं। 1989 में वे बीजेपी के नंदकुमार साय से हार गईं। 1991 के चुनाव में फिर उन्होंने नंद कुमार साय को हरा दिया और तीसरी बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में फिर पुष्पा देवी और साय के बीच मुकाबला हुआ। इस बार साय जीत गए। इसके बाद पुष्पा देवी फिर कभी वापसी नहीं कर पाई और न ही साय इस सीट से जीत पाए। कांग्रेस का गढ़ लेकिन 15 में से केवल 6 चुनाव ही जीत पाई पार्टी रायगढ़ सीट पर अब तक 15 बार आम चुनाव हो चुके हैं। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण राम राज्य परिषद पार्टी से चुनाव जीते थे। 1977 में भरतीय लोक दल की टिकट पर नरहरि प्रसाद सुखदेव साय ने जीत दर्ज की। इसके बाद 80 और 84 में कांग्रेस पार्टी को यहां से जीत मिली। 1998 के बाद कांग्रेस इस सीट से नहीं जीती है।रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का मैपरायगढ़ संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)कुल वोटर 1829038पुरुष वोटर 904335महिला वोटर 924654तृतीय लिंग वोटर 49रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसदवर्षनिर्वाचित सांसदपार्टी1962 राजा विजय भूषण सिंह देव आरआरपी1967 आर. गंधा कांग्रेस1971 उमेदसिंह कांग्रेस1977 नरहरि प्रसाद सुखदेव साय बीएलडी1980 पुष्पा देवी सिंह कांग्रेस (आई)1984 पुष्पा देवी कांग्रेस1989 नंद कुमार साय भाजपा1991 पुष्पादेवी सिंह कांग्रेस 1996 नंद कुमार साय भाजपा1998 अजीत जोगी कांग्रेस1999 विष्णुदेव सायभाजपा2004 विष्णुदेव सायभाजपा2009 विष्णुदेव सायभाजपा2014 विष्णुदेव सायभाजपा2019 गोमती सायभाजपा
Raigarh Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का चुनावी इतिहास 1962 के आम चुनाव से शुरू होता है। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण सिंहदेव थे। राजा विजय भूषण जशपुर स्टेट के अंतिम शासक थे। 1962 से पहले वे जशपुर और बगीचा विधानसभा सीट से विधायक रहे। इनके बाद रजनीगंधा देवी यहां से सांसद चुनी गईं, जो राजा नरेशचंद्र सिंह की बेटी थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी गोमती साय सांसद चुनी गई थीं। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पत्थलगांव सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद साय ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटे हैं। 2023 के चुनाव परिणाम के लिहाज से देखा जाए तो यहां बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। 8 में से 4 सीटों जशपुर, पत्थलगांव, कुनकुरी और रायगढ़ सीट पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, खरसियां, धर्मजयगढ़, सारंगढ़ और लैलुंगा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस सीट से नए चेहरों पर दांव लगाया है। बीजेपी ने राधेश्याम राठिया को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार के रुप में डॉ. मेनका सिंह को चुनावी रण में उतारा है। रायगढ़ संसदीय सीट ने छत्तीसगढ़ को दिए दो मुख्यमंत्री रायगढ़ संसदीय सीट से छत्तीसगढ़ को 2 मुख्यमंत्री मिले हैं। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी 1998 में इस सीट से सांसद चुने गए थे। हालांकि इसके बाद 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में जोगी रायगढ़ छोड़कर शहडोल चले गए थे, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। सबसे लंबे समय तक विष्णुदेव साय ने किया प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 1999 से 2014 तक 4 बार इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान वे केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे। 1999 में अजीत जोगी ने जब इस सीट को छोड़ा तो कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पुष्पा देवी सिंह को टिकट दिया। साय उन्हें हरा कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद वे लगातार 2014 तक निर्वाचित होते रहे। 2019 में पार्टी ने साय के स्थान पर गोमती साय को टिकट दे दिया। पुष्पा देवी 3 और नंद कुमार 2 बार रह चुके हैं सांसद कांग्रेस की पुष्पा देवी सिंह रायगढ़ से 3 बार सांसद चुनी गईं। पहली बार वे 1980 में निर्वाचित हुईं, इसके बाद 1984 में भी वे सांसद चुनी गईं। 1989 में वे बीजेपी के नंदकुमार साय से हार गईं। 1991 के चुनाव में फिर उन्होंने नंद कुमार साय को हरा दिया और तीसरी बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद 1996 में हुए चुनाव में फिर पुष्पा देवी और साय के बीच मुकाबला हुआ। इस बार साय जीत गए। इसके बाद पुष्पा देवी फिर कभी वापसी नहीं कर पाई और न ही साय इस सीट से जीत पाए। कांग्रेस का गढ़ लेकिन 15 में से केवल 6 चुनाव ही जीत पाई पार्टी रायगढ़ सीट पर अब तक 15 बार आम चुनाव हो चुके हैं। इस सीट से निर्वाचित होने वाले पहले सांसद राजा विजय भूषण राम राज्य परिषद पार्टी से चुनाव जीते थे। 1977 में भरतीय लोक दल की टिकट पर नरहरि प्रसाद सुखदेव साय ने जीत दर्ज की। इसके बाद 80 और 84 में कांग्रेस पार्टी को यहां से जीत मिली। 1998 के बाद कांग्रेस इस सीट से नहीं जीती है।रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का मैपरायगढ़ संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)कुल वोटर 1829038पुरुष वोटर 904335महिला वोटर 924654तृतीय लिंग वोटर 49रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के अब तक के सांसदवर्षनिर्वाचित सांसदपार्टी1962 राजा विजय भूषण सिंह देव आरआरपी1967 आर. गंधा कांग्रेस1971 उमेदसिंह कांग्रेस1977 नरहरि प्रसाद सुखदेव साय बीएलडी1980 पुष्पा देवी सिंह कांग्रेस (आई)1984 पुष्पा देवी कांग्रेस1989 नंद कुमार साय भाजपा1991 पुष्पादेवी सिंह कांग्रेस 1996 नंद कुमार साय भाजपा1998 अजीत जोगी कांग्रेस1999 विष्णुदेव सायभाजपा2004 विष्णुदेव सायभाजपा2009 विष्णुदेव सायभाजपा2014 विष्णुदेव सायभाजपा2019 गोमती सायभाजपा