आईपीएस पवन देव यौन प्रताड़ना मामले में NHRC ने गृह सचिव से पूछा, पदोन्नति कैसे मिल गई आईपीएस को, गृह सचिव बोले….प्रमोशन पहले मिल गया था, चार्जशीट बाद में, NHRC ने कहा, कैट का स्टे क्लीयर कराइये

Update: 2020-02-13 12:24 GMT

रायपुर,12 फ़रवरी 2020। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की खुली जनसुनवाई में बेंच नंबर टू जिसकी सुनवाई सदस्या ज्योतिका कालरा कर रहीं है, उनकी बेंच में छठवें नंबर पर मौजूद प्रकरण क्रमांक 135/33/0/2017 की सुनवाई में NHRC के तल्ख सूरों का राज्य सरकार को सामना करना पड़ा।
यह प्रकरण IPS पवन देव का है जिसमें उन पर यौन प्रताड़ना का आरोप मुंगेली की महिला आरक्षक ने लगाया है। आरोप पर कार्यवाही ना होने के बावजूद पदोन्नति किए जाने के मसले पर NHRC ने नाराज़गी जताई है।
NHRC की बेंच क्रमांक दो जिसकी सुनवाई सदस्या ज्योतिका कालरा कर रहीं थीं, इस मसले पर मौजूद गृह सचिव अरुण देव गौतम से पूछा-
“ये पदोन्नति कैसे दी गई है, इस मामले में FIR की क्या स्थिति है”
इस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दिया गया
“ मामले में पदोन्नति पहले दी गई थी चार्जशीट बाद में दी गई है, चार्जशीट पर कैट से स्थगन मिला है”
NHRC ने निर्देश दिए-
“ छ माह हो चुके, इस मामले में कैट सुनवाई पूरी कर चुका है, आप स्थगन क्यों नहीं हटवा रहे हैं.. एक महिने के भीतर रिपोर्ट पेश करिए”

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